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बड़े शहरों में फूटपाथ पर सोते थे सागर, अब छपरा के बेकरी ब्रांड को बिहार में लॉन्च करने की योजना

कभी पैसों के आभाव में बड़े शहरों में नौकरी करने गये छपरा के सागर कुमार को महीनों फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़ती. आज उसी सख्स ने अपनी सफलता से सबको चौंका कर जिले में एक अलग ही पहचान बना ली है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2024 9:42 PM

छपरा. कभी पैसों के आभाव में बड़े शहरों में नौकरी करने गये छपरा के सागर कुमार को महीनों फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़ती. आज उसी सख्स ने अपनी सफलता से सबको चौंका कर जिले में एक अलग ही पहचान बना ली है. छपरा शहर के मौना बानगंज निवासी सागर कुमार ने बेकरी के क्षेत्र में पूरे जिले में एक अलग पहचान बना ली है. सागर द्वारा शुरुआत किये गये आराध्या बेकरी अपने बेहतरीन टेस्ट के लिए पूरे जिले में अब लोगों की जुबान पर आ गया है और लोग सागर कुमार को सागर शेफ के नाम से जानने लगे हैं. सागर कुमार ने वर्ष 2014 में आराध्या बेकर्स पॉइंट्स के नाम से एक छोटी सी दुकान छपरा में शुरु की थी, जहां वो केक व बेकरी का सामान बनाकर बेचा करते मेहनत और सफलता के बदौलत पूरे जिले में अलग पहंचान बना ली है. सागर ने बताया की पूरे सारण में आराध्या बेकरी को लोगों ने जितना प्यार दिया है, अब पूरे बिहार के हर एक शहर में इसकी एक यूनिट खोलने की योजना है. आज स्थिति ऐसी हो गयी है की केक के लिए लोगों को वेटिंग देना पड़ता है. सागर बताते हैं कि जब वह पैसा कमाने के लिए अहमदाबाद की बेकरी कंपनी में काम करने गये थे तब 1998 में उन्हें मात्र 600 महीने की पगार मिलती थी, इस दौरान फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़ती थी. सालों अलग-अलग कम्पनियों में मेहनत करने के बाद सागर को अच्छी खासी रकम मिलने लगी. सागर ने बताया कि वर्ष 2014 में उन्होंने खुद की यूनिट स्थापित करके खुद से बेकरी के सामानों को तैयार करते थे वे खुद से दुकान में काम करते थे बेकरी के साथ-साथ सागर अब दुकानदारों के बीच बेकरी सामानों के रॉ मटेरियल को डिस्ट्रीब्यूशन करते हैं जिसमें छपरा सिवानों गोपालगंज की दुकानदारों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हैं उन्होंने बताया कि जब वह नौकरी करते थे तो 20-20 घंटा काम कराया जाता था.लेकिन आज वक्त बदल गया है. हमारी मेहनत को लोगों ने काफी प्यार दिया है.

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