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कर्ज के दबाव में बुजुर्ग दंपती ने की आत्महत्या

छपरा-बलिया रेलखंड के रिविलगंज स्टेशन पर बुजुर्ग दंपति का शव पुलिस ने बरामद किया है. पुलिस के अनुसार दोनों ने आत्महत्या की है.

छपरा/रिविलगंज. छपरा-बलिया रेलखंड के रिविलगंज स्टेशन पर बुजुर्ग दंपति का शव पुलिस ने बरामद किया है. पुलिस के अनुसार दोनों ने आत्महत्या की है. मृतकों की पहचान जलालपुर प्रखंड क्षेत्र के गम्हरिया कला स्थित फुटानी बाजार के रामेश्वर प्रसाद तथा उनकी पत्नी लालमुनी देवी के रूप में की गयी है. वहीं परिजनों का आरोप है कि माइक्रो फाइनेंस कंपनी द्वारा लोन की रिकवरी के लिए प्रताड़ित किये जाने के कारण ही दोनों ने आत्महत्या कर ली है. घटना की सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया. पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. मृतक दंपति के परिजनों से भी पूछताछ की गयी है. पुलिस ने अभी आत्महत्या के कारणों को स्पष्ट नहीं किया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरी जानकारी मिल पायेगी.

मृतक दंपति के बेटे ने कहा पोती की शादी के लिए लिया था कर्ज

उधर, मृतक दंपति के पुत्र नितेश कुमार ने बताया कि उनके माता-पिता ने पोती की शादी के लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था. इधर कुछ दिनों से फाइनेंस कंपनी के संचालक व उनके कर्मी लगातार घर पर पहुंच कर लोन की किस्त चुकाने का दबाव बना रहे थे. इसी बीच मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर दोनों पिछले तीन-चार दिन से घर से गायब हो गये थे. परिजनों को लगा कि वह किसी रिश्तेदार के घर गये हैं. इसी बीच रिविलगंज से सूचना आयी कि दोनों स्टेशन के पास मृत अवस्था में पाये गये है. मृतक के पुत्र ने बताया कि उनके पिता दिहारी मजदूरी करते थे.

स्थानीय विधायक ने दिलाया न्याय का भरोसा

इस घटना के बाद मांझी विधायक डॉ सत्येंद्र यादव ने घटना स्थल पर पहुंच कर परिजनों से मुलाकात की और वरीय पुलिस पदाधिकारी से निष्पक्ष जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि गांव के भोले-भाले लोगों को माइक्रो फाइनेंस कंपनियां लोन देकर किश्त की राशि वसूलने तथा ब्याज के लिए प्रताड़ित करते रहती है. मजबूर होकर लोगों को आत्महत्या तक करनी पड़ रही है. सरकार यह सुनिश्चित करें कि राष्ट्रीयकृत बैंक सस्ते दर पर गरीबों को लोन मुहैया कराया. उधर सीपीआइएम के जिला सचिव बटेश्वर कुशवाहा ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि अवैध कंपनिया लोन देकर लोगों को फंसाती है. बाद में उन्हें प्रताड़ित करती है. इसके संचालक भी दबंग होते है. सरकार आत्महत्या मामले की जांच कर उचित कारवाई करें.

बड़े बेटे की मौत के बाद पोती की परवरिश का आ गया था जिम्मा

स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक दंपति के चार पुत्र है. जिनमें से एक पुत्र की मृत्यु कुछ वर्ष पहले हो गयी थी. उसी पुत्र की बेटी की शादी के लिए दोनों परेशान रह रहे थे. मृतक दंपति के अन्य पुत्र दिल्ली में रहकर मजदूरी का काम करते है. वहीं मृतक भी गांव में दिहाड़ी मजदूरी कर मुश्किल से परिवार चला रहे है. इस घटना के बाद परिजनों समेत ग्रामीणों में कोहराम छाया हुआ है. लोगों ने भी पुलिस से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है.

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