छपरा . स्नातक सत्र 2023-27 फर्स्ट सेमेस्टर की प्रायोगिक परीक्षा एक से छह अगस्त तक आयोजित होगी. इसके लिए कॉलेज स्तर पर परीक्षा का शेड्यूल भी तैयार किया जा रहा है. 30 जुलाई तक सभी कॉलेजों के नोटिस बोर्ड पर प्रायोगिक परीक्षा का शेड्यूल प्रकाशित कर दिया जायेगा. कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेई के निर्देश पर प्रायोगिक परीक्षा शुरू होने से पूर्व सभी कॉलेजों की प्रयोगशालाओं को भी अपडेट किया जा रहा है. प्रयोगशाला में जिन व्यवस्थाओं की कमी है. उसे पूरा कराया जा रहा है. कुलपति का स्पष्ट निर्देश है कि हर हाल में व्यवस्थित रूप से प्रैक्टिकल करना होगा. बिना प्रयोग कराये छात्रों को अंक देने की यदि सूचना मिलती है तो वैसे कॉलेज पर कार्रवाई भी की जायेगी. प्रायोगिक परीक्षा में अवैध वसूली रोकना होगी चुनौती : प्रायोगिक परीक्षाओं में अवैध वसूली रोकना विवि प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा. विवि द्वारा प्रायोगिक परीक्षा को लेकर हर बार विशेष गाइडलाइन जरूरी जारी किया जाता है. लेकिन अधिकतर कॉलेज छात्रों पर दबाव बनाकर प्रायोगिक में मनचाहा अंक देने के नाम पर उगाही करने में कामयाब हो जाते हैं. कुछ वर्ष पूर्व छात्रों ने स्नातक की प्रायोगिक परीक्षाओं में अवैध वसूली का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था. जिससे सम्बंधित कॉलेजों की किरकिरी हुई थी. कुछ मामलों में विवि प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कारवाई भी की थी और अगली परीक्षाओं में प्रायोगिक के लिए भी स्पेशल ऑब्जर्वर नियुक्त हुए थे. मानकों के अनुरूप नहीं है प्रयोगशाला : जेपीयू के अधिकतर कॉलेजों में मानक के अनुसार छात्रों के लिए एक व्यवस्थित प्रयोगशाला नहीं है. भौतिकी व रसायन के छात्रों के लिए अलग-अलग प्रयोगशाला की व्यवस्था की जानी चाहिये. रसायनिक प्रयोगों के लिए एक सुरक्षित प्रयोगशाला की आवश्यकता होती है. जिसके लिए सूक्ष्म उपकरण मौजूद होने चाहिये. इसके अलावें भौतिक माप को निकालने के लिए तुला, ताप मापी, बैरो मीटर, पीएच मापी, ध्रुवण मापी आदि उपकरण आवश्यक होते है. कॉलेजों में छात्रों को प्रैक्टिकल करने का अवसर बहुत कम मिलता है. उन्हें बाहर से सामग्री खरीद कर परीक्षा देनी पड़ती है.इन विषयों की होगी प्रायोगिक परीक्षा विज्ञान विषय के अंतर्गत भौतिकी, रसायन शास्त्र, बॉटनी, जूलॉजी व आइएफएफ की प्रायोगिक व वायवा परीक्षाओं का संचालन होगा. वहीं कला में मनोविज्ञान, भूगोल, होम साइंस, अंग्रेजी व संगीत विषय की प्रायोगिक परीक्षा व वायवा आयोजित की जायेगी. विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सत्र 2023 में लागू च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अनुरूप ही प्रैक्टिकल में भी कई बदलाव हुए हैं. इसमें मेजर कोर्स, माइनर कोर्स व एमडीसी के अंतर्गत जो विषय आते हैं. उनकी प्रायोगिक परीक्षा अलग-अलग शेड्यूल पर होगी. जिसकी पूरी जानकारी कॉलेज में दी जा रही है.
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