Sonepur Mela: विश्वप्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला 2024 का विधिवत उद्घाटन 13 नवंबर को होने जा रहा है. मुख्यमंत्री या दोनों उपमुख्यमंत्री या राज्य के राजस्व मंत्री या जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा मेले का शुभारंभ किया जाएगा, इसका अंतिम निर्णय सोमवार शाम तक ले लिए जाएगा. उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के बीच बातचीत चल रही है. इस बीच मेले की तैयारियां जोरों पर हैं. मेला उद्घाटन के लिए मुख्य मंच, प्रशासनिक आवास, पुलिस आवास समेत अन्य जरूरी कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं.
इन कार्यों में भी आ गयी है तेजी
मेला क्षेत्र में साफ-सफाई, बिजली, सड़क, भीड़ नियंत्रण, नदी तटों पर बैरिकेडिंग, सुरक्षा जैसे इंतजाम की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. अनुमंडल स्तर के अधिकारियों ने मेले में डेरा डाल दिया है. कई जिला स्तर के अधिकारी भी मेले की तैयारियों की पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं.
सरकारी एवं गैर सरकारी प्रदर्शनियों की तैयारी, घोड़े, हाथी, बैल, गाय आदि पशुओं के रहने की व्यवस्था, देश के कोने-कोने से आने वाले पशुओं के साथ-साथ मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी को लेकर सभी प्रकार की तैयारियां की जा रही हैं. जिलाधिकारी अमन समीर लगातार तैयारियों पर नजर रखे हुए हैं तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम, आउटडोर कार्यक्रम, कार्तिक स्नान तथा साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए समय सीमा के अंदर कार्य पूरा करने का आदेश दिया है.
उद्घाटन में 3 दिन शेष
हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का औपचारिक उद्घाटन 13 नवंबर को पर्यटन विभाग के मुख्य पंडाल में होना है. मेले में सरकारी व गैर सरकारी प्रदर्शनी लगाने की भी तैयारी चल रही है. मेले में देश के कोने-कोने से घोड़े, हाथी, बैल, गाय व अन्य मवेशियों के आने की उम्मीद है. हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि इस बार पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों से उन्नत नस्ल की गाय आएंगी या नहीं. पिछले दो दशक से इन राज्यों से गायों का आना बंद हो गया है. आसपास के जिलों से ही गायें लाई जाती हैं. लेकिन इस बार उम्मीद है कि इन राज्यों से भी गायें आएंगी.
सरकारी स्तर पर 13 से लेकिन गैर सरकारी स्तर पर देवोत्थान से मेला
हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला 13 नवंबर से शुरू होगा, लेकिन गैर सरकारी स्तर यानी धार्मिक स्तर पर हरिहरक्षेत्र मेला देवोत्थान से शुरू होता है. क्षेत्र के गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम से कलश यात्रा शुरू होती है. इस दिन से ही मेला के साधुगाछी और पहलेजाधाम स्थित गंगा तट पर साधु-संतों का जमावड़ा शुरू हो जाता है. इस बार हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला 13 नवंबर से 14 दिसंबर तक यानी हर साल भी 32 दिनों तक चलेगा. कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए विभिन्न संप्रदायों के 15 से 17 हजार से अधिक साधु-संतों के आने की संभावना है. ऐसे में इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए तैयारियां की जा रही हैं.
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स्नान करने वालों की सुरक्षा जरूरी
कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं के सुरक्षित स्नान के लिए नदी में सुरक्षा घेरा बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. डीएम और एसपी ने सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार कर लिया है और उस पर काम चल रहा है. सोनपुर के एसडीओ, एसडीपीओ, डीसीएलआर, सीओ समेत अन्य अधिकारी मेले की अन्य प्रशासनिक तैयारियों को पूरा करने में जुटे हैं. 11 या 12 नवंबर से सारण के कमिश्नर, डीआईजी, डीएम, एसपी आदि मेले में कैंप करना शुरू कर देंगे. इनके कैंप लग चुके हैं.
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खेल तमाशा से लेकर हर तरह का मनोरंजन
सोनपुर मेले में इस बार मनोरंजन के कई साधन भी आएंगे. गाय बाजार, नखास और चिड़िया बाजार इलाकों में डिज्नीलैंड, तरह-तरह के झूले आदि लगाए जा रहे हैं. रेलग्राम को भी सजाया जा रहा है. रेलवे के लगभग सभी विभागों की प्रदर्शनी के साथ-साथ रेलवे के विकास को दर्शाती चित्र प्रदर्शनी भी यहां लगाई जा रही है. मेला परिसर में मनोरंजन के अन्य साधन भी लगाए जा रहे हैं.