Chhapra News : महाकुंभ जाने के लिए ट्रेनों में मारामारी, श्रद्धालुओं को नहीं मिल रही जगह
Chhapra News : श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचने के लिए ट्रेनों में जगह नहीं मिल पा रही है. हर दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं को दिघवारा स्टेशन से बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है
दिघवारा. प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह अभी भी कम नहीं हुआ है और नगर व ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अभी भी प्रयागराज जाने का प्लान बना रहे हैं. लेकिन इन श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचने के लिए ट्रेनों में जगह नहीं मिल पा रही है. हर दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं को दिघवारा स्टेशन से बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है जिससे उन लोगों में गहरी मायूसी है. इतना ही नहीं ट्रेनों में जगह न होने से श्रद्धालुओं में रेल मंत्रालय के इंतजामों के खिलाफ गहरी नाराजगी भी है. हर दिन दिघवारा, दरियापुर,गरखा आदि प्रखंडों से श्रद्धालु प्रयागराज जाने के लिए दिघवारा स्टेशन पहुंचते हैं मगर इन श्रद्धालुओं को ट्रेन में घुसने तक की जगह नहीं मिल पा रही है. स्लीपर और एसी बोगियों में टिकट की उपलब्धता नहीं होने के बीच ऐसे यात्री जनरल बॉगी में सफर कर प्रयागराज पहुंचना चाहते हैं मगर ट्रेनों में बैठने की बात को दूर उसमें घुसने तक की जगह नहीं मिलने से हर दिन बड़ी संख्या में यात्रियों को अपना प्रोग्राम कैंसिल कर घर वापस लौटना पड़ रहा है. ट्रेनों में न चढ़ पाने की स्थिति में हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु टिकट को वापस करते भी देखे जाते हैं.
दैनिक और साप्ताहिक ट्रेनों का एक जैसा हाल, शौचालय में भी घुसे दिखते हैं यात्री
दिघवारा से प्रयागराज जाने के लिए लिच्छवी एक्सप्रेस व पवन एक्सप्रेस है, लेकिन हर दिन इन दोनों ट्रेनों के जनरल बॉगी में श्रद्धालु काफी संघर्ष के बाद भी नहीं चढ़ पा रहे हैं. कई श्रद्धालु एसी व स्लीपर में चढ़कर किसी तरह प्रयागराज पहुंचने की कोशिश भी करते देखे गए हैं. दैनिक ट्रेनों में सीटों की उपलब्धता न होने से मायूस श्रद्धालु शनिवार की साप्ताहिक ट्रेनों में भी सीट का जुगाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं मगर वहां भी निराशा हाथ लग रही है. ऐसे में श्रद्धालु सड़क मार्ग के सहारे प्रयागराज जाने का प्लान बना रहे हैं. श्रद्धालुओं का आरोप है कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई अतिरिक्त ट्रेनों को चलाया जा रहा है मगर हकीकत यही है कि किसी ट्रेन में जगह नहीं है. ऐसे में आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं में गहरी नाराजगी है.
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