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chhapra news : पीएचडी कोर्स वर्क – 2022 की परीक्षा का परिणाम किया गया जारी, 341 परीक्षार्थी हुए उत्तीर्ण

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत पीएचडी कोर्स वर्क 2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. यह परीक्षा 30 सितंबर को जयप्रकाश विश्वविद्यालय कैंपस के तीन केंद्रों पर ली गयी थी.

छपरा.जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत पीएचडी कोर्स वर्क 2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. यह परीक्षा 30 सितंबर को जयप्रकाश विश्वविद्यालय कैंपस के तीन केंद्रों पर ली गयी थी. इस परीक्षा में कुल 351 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए थे. जिसमें से पहली व दूसरी पाली में कुल पांच परीक्षार्थी एवं कंप्यूटर दक्षता में छह परीक्षार्थी अनुपस्थित थे. परीक्षा नियंत्रक डॉ अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि कुल 341 परीक्षार्थी सफल घोषित किये गये हैं. जिनका परीक्षा परिणाम विषय वार क्रम संख्या के आधार पर वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि रिकॉर्ड टाइम में परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया है. विश्वविद्यालय स्नातक, पीजी व पीएचडी के सत्रों को नियमित करने के लिए लगातार प्रयासरत है. जिन छात्रों ने कोर्स वर्क की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है. अब उन छात्रों का रजिस्ट्रेशन शोध के लिए किया जायेगा. कोर्स वर्क में उत्तीर्ण शोधार्थियों को गाइड अलॉट किया जायेगा. जिनके निर्देशन में ही शोधग्रंथ (सिनॉप्सिस) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी. शोध ग्रंथ को डीआरसी से अप्रूव कराने के बाद दिये गये टॉपिक पर तीन से सात साल की अवधि में रिसर्च पूरा कर लेना होगा. जिसके बाद पीजीआरसी के अनुमोदन इंटरव्यू की प्रक्रिया पूर्ण होते ही शोधार्थियों को उपाधि प्राप्त हो जायेगी.

दो सौ अंक के दो पेपर की हुई थी परीक्षा

कोर्स वर्क की परीक्षा 200 अंकों की हुई थी. जिसमें दो पेपर शामिल थे. पहला पेपर 100 अंक का रिसर्च एंड मेथाडोलॉजी पर आधारित था. इसी पेपर में छात्रों से कंप्यूटर से संबंधित प्रश्न भी पूछे गये थे. पीएचडी कोर्स वर्क में विज्ञान, वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान व मानविकी के अंतर्गत भौतिकी, रसायन शास्त्र, गणित, जूलॉजी, बॉटनी, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, इतिहास, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान, भूगोल, वाणिज्य व गृह विज्ञान विभाग में नामांकित छात्रों ने परीक्षा दी थी.

सॉफ्टवेयर से होगी सिनॉप्सिस की जांच

पीएचडी के अंतर्गत शोध छात्रों द्वारा तैयार की गयी सिनॉप्सिस की जांच के लिए एक विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल होगा. जिससे यह पता चल सकेगा कि सिनॉप्सिस में किसी प्रकार की नकल सामग्री प्रयुक्त नहीं है. पीजीआरसी से अप्रूव होने के बाद विभाग स्तर पर सिंपोजियम व सेमिनारों का आयोजन होगा. अधिकतम दो सेमिनार में शामिल होने वाले छात्रों का साक्षात्कार होगा. जिस प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद उन्हें उपाधि दी जायेगी.

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