छपरा. दुर्गापूजा को लेकर शहर के चौक-चौराहों व मुहल्लों में छोटे बड़े पूजा पंडालों का निर्माण हो रहा है. कई प्रमुख चौक जहां पंडाल का निर्माण होता है. वहीं पूजा को लेकर झालर व लाइटिंग की व्यवस्था होती है, उन इलाकों में बिजली के जर्जर तार, पोल और आपस में उलझे हुए वायरिंग के कारण पंडाल निर्माण के क्रम में खतरा बना रहता है. साथ ही सॉर्ट सर्किट की संभावना भी पूजा समितियों व आसपास के लोगों के लिये चिंता का विषय है. शहर के नगरपालिका चौक, गांधी चौक, नेहरू चौक, पंकज सिनेमा रोड, तेलपा टैक्सी स्टैंड, श्याम चक, रतनपुरा आदि क्षेत्रों में भव्य पंडाल निर्माण और आकर्षक लाइटिंग की जाती है. इनमें से कुछ इलाकों में आज भी जर्जर तार व पोल मौजूद हैं. विगत कुछ वर्षों में वार्ड स्तर पर बिजली के पुराने तारों को हटाकर नये तार लगाये गये हैं. हालांकि बाजारों व चौक-चौराहों के पास कई जगह अभी भी टोका सिस्टम का प्रयोग किया जा रहा है. खासकर सरकारी बाजार, सोनारपट्टी, साहेबगंज, मौना सांढा रोड, गुदरी बाजार आदि व्यस्तम इलाकों में दर्जनों जगह बिजली के तार आपस में उलझे हुए हैं. जिसके कारण बार-बार वोल्टेज अपडाउन होना और स्पार्किंग की संभावना रहती है.
सुरक्षा मानकों की भी होती है अनदेखी
शहर में जितने भी बड़े पंडाल हैं उन्हें लाइसेंस के तहत निर्माण की अनुमति दी जाती है. लाइसेंस लेने के समय सुरक्षा मानकों का खयाल रखने का निर्देश भी दिया जाता है. हालांकि कई ऐसी प्रमुख पूजा समितियां हैं जो सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हैं. नियम के अनुसार हर पंडाल में फायर सेफ्टी की व्यवस्था होनी चाहिये. लाइटिंग के लिये उपयोग में लाये जाने वाला तार और अन्य उपकरण भी आइएसआइ मार्क वाले स्तरीय कंपनी के होने चाहिये. जिला अग्निशमन विभाग द्वारा पूजा शुरू होने से पहले इन पंडालों की जांच कर मानकों के पालन का निर्देश भी दिया जाता है. इसके बाद भी सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जाती है. ऊर्जा विभाग के अधिकारी धीरज सती ने बताया कि जहां भी पूजा पंडालों का निर्माण होता है. वहां आयोजन समिति के साथ बातचीत कर सुरक्षा मानकों का पालन करने का निर्देश दिया गया है. विभाग की टीम समय-समय पर जाकर जांच भी करती है. जहां भी इस समय पोल या तार जर्जर हैं उसे बदला जा रहा है. शहर में लगभग सभी जगह नये केबल लगाये गये हैं.क्या है मानक
पंडाल के आसपास नहीं होने चाहिए जर्जर तार ट्रांसफॉर्मर और पोल से सटे नहीं हों पूजा पंडाललाइटिंग के लिये करनी है ब्रांडेड तारों से वायरिंग
सभी पंडालों में होने चाहिये फायर सेफ्टी मशीनपंडालों में मौजूद हों एक्सपर्ट बिजली मैकेनिक
जिला अग्निशमन विभाग से करानी है जांचडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है