मरम्मती के साथ ही टूटने लगी एनएच-19 की बाइपास सड़क

बूडको द्वारा 15 करोड़ की लागत से छह किलोमीटर लंबी सड़क की हो रही मरम्मत, खराब गुणवत्ता के कारण मरम्मती के साथ ही टूटने व गिट्टी के सड़क पर बिखड़ने को देखकर आम लोगों में मरम्मति कार्य को लेकर चर्चा है

By Prabhat Khabar News Desk | April 21, 2024 10:15 PM

छपरा (सदर). छपरा शहर के बीचो-बीच तथा जगदम कॉलेज होकर गुजरने वाली एनएच 19 के मरम्मती का कार्य चल रहा है. इस दौरान मरम्मती के लिए बूडको द्वारा 15 करोड़ रुपये पथ निर्माण विभाग को दिए गये है. जिससे संवेदक के माध्यम से मरम्मती का कार्य कराया जा सके. परंतु, कार्य की खराब गुणवत्ता के कारण मरम्मती के साथ ही टूटने व गिट्टी के सड़क पर बिखड़ने को देखकर आम लोगों में मरम्मति कार्य को लेकर चर्चा है. आरसीडी के द्वारा शहर के ब्रहमपुर, काशी बाजार, भगवान बाजार, दरोगा राय चौक, जगदम कॉलेज के सामने से गुजरने वाली सड़क, प्रभुनाथ, दहियावां टोला हेते सांढ़ा ढ़ाला तक मरम्मती का कार्य करना है. जो सड़क विभाग के कार्यपालक अभियंता के अनुसर गत दिनों नमामी गंगे या अन्य योजनाओं के तहत काम किए जाने के बाद पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये थे. साथ ही सड़कों में जगह-जगह गड्ढे बन आये थे. जिससे इस मार्ग में वाहनों की कौन कहें पैदल भी चलना मुश्किल था. परंतु, पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता आरके पाठक की माने तो बूडकों द्वारा इस सड़क की मरम्मती के लिए राशि उपलब्ध करायी गयी है. परंतु, जगह-जगह सड़क को खोदे जाने तथा मिट्टी को बेहतर तरीके से भरे नहीं जाने के कारण मरम्मति के बाद भी जगह-जगह सड़क मरम्मती के साथ ही हटने एवं धसने लगी है. हालांकि इस संबंध में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा जिला पदाधिकारी के अलावें संबंधित निर्माण विभाग के पदाधिकारियों को पत्राचार कर इस बात की सूचना दी गयी है कि जो भी निर्माण कार्य करना है उसे पूरा करने के लिए एक बार खुदाई करने के बदले बार-बार खुदाई करने तथा मिट्टी नहीं भरे जाने के कारण सड़क कमजोर होती जा रही है. जिससे यातायात सुगम होना मुश्किल हो गया है. इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यपालक अभियंता श्री पाठक ने कहा कि 15 करोड़ रुपये की लागत से मरम्मति कार्य किया जा रहा है यदि मरम्मती के साथ ही टूटने एवं गिट्टी के सड़क से अलग हो जाने की शिकायत मिल रही है तो वे पूरे मामले की जांच कर इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

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