पूरे विश्व में हैं सारण के संत स्वामी परमहंस दयाल के अनुयायी : सत्यानंद

पाकिस्तान के टेरी में समाधिस्थ सारण के संत स्वामी परमहंस दयाल जी महाराज के करोड़ों अनुयायी हैं, जो विश्व के 92 देशों में संचालित लाखों ब्रम्ह विद्यालय तथा आश्रमों से जुड़ कर आध्यात्म की साधना कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 8, 2024 10:18 PM

पाकिस्तान के टेरी में समाधिस्थ सारण के संत स्वामी परमहंस दयाल जी महाराज के करोड़ों अनुयायी हैं, जो विश्व के 92 देशों में संचालित लाखों ब्रम्ह विद्यालय तथा आश्रमों से जुड़ कर आध्यात्म की साधना कर रहे हैं. यह बातें बक्सर से पधारे परमहंस स्वामी के पंचम पादशाही स्वामी सत्यानंद जी महाराज ने कहीं. रविवार को वे सारण जिले के मांझी के नंदपुर ब्रम्हविद्यालय आश्रम में विभिन्न राज्यों से पधारे सैकड़ों अनुयायियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच हजार वर्षों में परमहंस दयाल जी महाराज के अलावा सारण का कोई दूसरा ख्यातिप्राप्त संत नहीं हुआ जिनके अनुयायियों की संख्या विश्व स्तर पर करोड़ों में रही हो. उन्होंने कहा कि जिस संत की तपस्या तथा आदर्शों का गुणगान विश्व के 92 देशों में हो रहा है उन्हीं संत की जन्मस्थली सारण के लोगों ने उन्हें आज तक उन्हें पूरी तरह नहीं जाना. सारण के लोगों के लिए इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति और क्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि विपरीत विचार धारा से ताल्लुक रखने वाले पाकिस्तान के टेरी नामक स्थान पर भी उनकी समाधि वाले आश्रम परिसर में नौ जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में लाखों अनुयायी शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि संत परमहंस दयाल स्वामी की जीवन से जुड़ी एवम सैकड़ों लेखकों द्वारा लिखीं पुस्तकें विभिन्न विश्वविद्यालयों में देश विदेश में पढ़ाई जाती हैं. देश-विदेश से अनुयायियों का आना शुरू : स्वामी परमहंस दयाल समाधि पदयात्रा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश विदेश से अनुयायियों का आना शुरू हो गया है. सोमवार को दोपहर तक लगभग एक हजार अनुयायी पहुंच चुके थे जिन्हें आश्रम में बने अलग-अलग कमरों तथा हॉल व बरामदे में ठहरने की व्यवस्था की गयी है, जबकि दो अलग-अलग बड़े वाटरप्रूफ पंडाल बनाये गये हैं जिनमें तीन हजार से अधिक लोगों के ठहरने आदि की व्यवस्था की गयी है. अनुयायियों के मनोरंजन के लिए रविवार की रात प्रोजेक्टर (चलचित्र) के माध्यम से प्रसारित परमहंस दयाल स्वामी की जीवन से जुड़ी प्रमुख घटनाओं को प्रदर्शित किया गया, जबकि रविवार की रात गीत संगीत व भजन कीर्तन की प्रस्तुति के लिए गायक मंडलियों को आमंत्रित किया गया है. उधर पिछले चार दिनों से आश्रम परिसर में अनुयायियों के नाश्ता व भोजन के लिए लगातार भंडारा चलाया जा रहा है. सैकड़ों स्वयंसेवक आगंतुकों की व्यवस्था में अनवरत लगे हुए हैं. आगंतुकों को समुचित पेयजल आपूर्ति के लिए चापाकल व बोरिंग के अलावा पानी वाले टैंक की भी व्यवस्था की गयी है. आश्रम के आसपास साफ-सफाई एवं वाहन पार्किंग की व्यवस्था में भी दर्जनों मजदूर लगाये गये हैं. आश्रम स्थल तक लोग मांझी के अलावा कोपा एवं बनवार के रास्ते भी पहुंच रहे हैं. नंदपुर, रसीदपुर सोनबरसा, माड़ीपुर तथा मांझी नगर पंचायत के बीचोबीच गंडक नहर के किनारे स्थित आश्रम में लोगों की आवाजाही से काफी चहल -हल देखी जा रही है. आज निकलेगी पदयात्रा, पहुंचेंगे हजारों श्रद्धालु : परमहंस स्वामी अद्वैतानंद जी महाराज की समाधि पुण्यतिथि पर पर उनके ननिहाल मांझी के नंदपुर से छपरा तक पदयात्रा मंगलवार को सुबह निकलेगी, पदयात्रा को लेकर भव्य और आकर्षक बनाने में आयोजक समूह और आश्रम के संत श्रद्धालु नंदपुर में जुट गये. पदयात्रा में शामिल होने के लिए देश के कई शहरों से श्रद्धालु व संत नंदपुर में जुट गये हैं. छपरा में जन्म लेकर दुनियाभर में भक्ति एवं ज्ञान को प्रकाशित करने वाले अद्वितीय प्रतिभा के धनी परमहंस प्रभुदयाल स्वामी जी महाराज का तीन दिवसीय समाधि शताब्दी समारोह गुरुवार से शुरू हो गया. सालों पहले छपरा शहर के दहियावां मुहल्ले से निकल कर पाकिस्तान के टेरी नामक स्थान पर उन्होंने अपना आश्रम बनाया था. वहां योग तथा साधना का ज्ञान देने वाले स्वामी परमहंस दयाल जी आज से एक सौ तीन वर्ष पहले नौ जुलाई, 1919 को पाकिस्तान के टेरी में ही समाधि ले ली थी.

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