शिक्षक दिवस पर सारण से संजू व सूर्यदेव को मिलेगा राजकीय पुरस्कार

श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल पटना में पांच सितंबर को आयोजित होने वाले राजकीय शिक्षक पुरस्कार के लिए सारण से दो शिक्षकों का चयन हुआ है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 3, 2024 10:11 PM

मढ़ौरा/परसा . श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल पटना में पांच सितंबर को आयोजित होने वाले राजकीय शिक्षक पुरस्कार के लिए सारण से दो शिक्षकों का चयन हुआ है. इस सम्मान के लिए चयनित शिक्षकों की सूची जारी होने के बाद सारण जिला के शिक्षा विभाग के अधिकारियों व विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने प्रसन्नता जाहिर की है. राजकीय शिक्षक सम्मान के लिए परसा नगर पंचायत की शिक्षिका संजू कुमारी सरोज तथा मढ़ौरा सूर्य देव कुमार का चयन हुआ है. दोनों शिक्षकों ने अपनी बेहतर कार्यशैली के माध्यम से छात्रों में पढ़ने की रुचि जगायी. इनके विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति अन्य विद्यालयों की तुलना में काफी बेहतर है. तकनीकी शिक्षा के माध्यम से भी छात्रों को लगातार जागरुक करते आये हैं.

संजू ने बच्चों में जगायी पढ़ने की ललक

नगर पंचायत परसा बाजार वार्ड पांच के परसा मथुरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका परसा मथुरा निवासी संजू कुमारी सरोज शिक्षा की गतिविधियों में सराहनीय योगदान और उत्कृष्ट कार्य के लिए राजकीय पुरस्कार के लिए चयनित हुई हैं. वर्ष 2005 में सारण जिला के परसा मथुरा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र के पद पर नियोजित सहायक शिक्षिका के रूप में इन्होंने योगदान दिया. बिहार सरकार द्वारा निर्धारित इग्नू द्वारा डीपीइ प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई. डीडीइ एलएनयू दरभंगा से बीएड, व एमए हिंदी से किया. उसके बाद लगातार तीसरी बार की प्रयास में एनटीए द्वारा आयोजित यूजीसी नेट एजुकेशन विषय से प्रतियोगी परीक्षा जून 2023 में चयनित हुईं. विद्यालय में योगदान के बाद इनका लक्ष्य रहा कि जो बच्चे विद्यालय में कमजोर हैं. उन्हें शिक्षा बेहतर से बेहतर प्रदान किया जाये. छात्र आधारित कार्यक्रम के द्वारा बच्चों में पढ़ने की ललक जगायी. कबाड़ से जुगाड़ तकनीकी अपना कर बच्चों को रुचिकर शिक्षा प्रदान की.

सूर्यदेव के प्रयास से बदल गयी स्कूल की तस्वीर

उत्क्रमित मध्य विद्यालय नरहरपुर शारदा राय के टोला मढौरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक सूर्यदेव कुमार ने वर्ष 2003 में शिक्षामित्र के रूप में अपना कार्य प्रारंभ किया. पोषक क्षेत्र के वैसे बच्चे जो स्कूल नहीं आते थे उनके अभिभावकों के साथ संवाद स्थापित किया और बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करने लगे. इसके बाद स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ती गयी. पोषक क्षेत्र की अल्पसंख्यक छात्राओं को भी जागरूक किया और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया. पहले विद्यालय में छात्रों के लिए समुचित व्यवस्था नहीं थी. लेकिन परिसर में आठ कमरों का निर्माण करवाया. प्रधानाध्यापक कक्ष, चार शौचालय भी विभाग के माध्यम से यहां बनवाये गये. पूरे विद्यालय में चारदीवारी का कार्य भी कराया गया. वहीं जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेकर भी विद्यालय को पूरी तरह मेंटेन कर दिया गया. पूरे स्कूल में सीसीटीवी से मॉनिटरिंग होती है. चहक कार्यक्रम, टीएलम व अन्य गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को रुचिकर शिक्षा से जोड़ा. इनके प्रयास से यह विद्यालय निजी स्कूलों को टक्कर दे रहा है. इन्होंने कई पत्रिकाओं का भी प्रकाशन किया. स्कूल की पत्रिका शारदा के प्रधान संपादक भी हैं.

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