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Saran Lok Sabha: उम्मीदवारों के बीच नहीं, यहां होती है भाजपा-राजद के बीच सीधी लड़ाई

Saran Lok Sabha: इस बार भी मतदाता उम्मीदवार से ज्यादा इन दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के चेहरे पर वोट देने के लिए हो रहे गोलबंद. प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, राजद सुप्रीमों समेत दोनों गठबंधनों के दर्जन भर शीर्ष नेता सारण संसदीय क्षेत्र में कर चुके है भाषण व रोड शो.

Saran Lok Sabha: राजीव रंजन, छपरा. गंगा, गंडक व सरयू नदी की गोद में अवस्थित सारण में लोकसभा चुनाव विगत तीन दशक से ज्यादा समय से प्रत्याशी पर नहीं, बल्कि पार्टी के आधार पर लड़ा जाता है. इस चुनाव में भी कहने के लिए 14 उम्मीदवार चुनावी रण में अपना भाग्य आजमा रहे है. परंतु मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी तथा राजद उम्मीदवार व पहली बार राजनीति में पदार्पण कर रही लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के बीच ही है. 90 के दशक से ही एक ओर भाजपा के राजीव प्रताप रुडी तो दूसरी ओर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तो उनके पार्टी के समर्थित लालबाबू राय, राबड़ी देवी, उनके समधी व पूर्व मंत्री चंद्रिका राय और अब डॉ रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में है. आजादी के बाद से 1952 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दें, तो लगातार कांग्रेस का दबदबा इस सीट पर रहा. इसी सीट से 1977 में पहली बार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एमपी बने थे. वहीं 2004 में बीजेपी के उम्मीदवार रूडी तथा राजद के उम्मीदवार के रूप में लालू प्रसाद के बीच लड़ाई के दौरान ही पूरे संसदीय क्षेत्र का चुनाव धांधली के आरोप में रद्द करते हुए आयोग ने दुबारा चुनाव कराया था, जिसमें लालू प्रसाद की जीत हुई थी. इसके बाद से लगातार सारण संसदीय क्षेत्र में यही स्थिति रही है. यानी हर बाद उम्मीदवार भले बदलता है लड़ाई दो पार्टियों में ही होती है.

रूडी के सामने हैट्रिक तो रोहिणी के लिए विरासत बचाने की चुनौती

2008 में परिसीमन आयोग के द्वारा पूर्व में छपरा संसदीय क्षेत्र से नाम बदलकर इस क्षेत्र का नाम सारण संसदीय क्षेत्र रखा गया. परंतु लगातार यह संसदीय क्षेत्र यदुवंशी एवं रघुवंशी के बीच मुख्य मुकाबला का धुरी रही है. इस बार भी सारण का चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी लगातार तीसरी जीत के लिए भीषण गर्मी के बीच तो अपने पिता की विरासत को बचाने के लिए राजद की डॉ रोहिणी आचार्य जी-तोड़ प्रयास कर रही है. इस बार भी मतदाता इन दोनों उम्मीदवारों से ज्यादा बीजेपी व राजद के शीर्ष नेताओं के ऊपर भरोसा कर दोनों गठबंधनों के उम्मीदवार को जिताने के लिए गोलबंद हो रहे है. इन दोनों उम्मीदवारों के अलावे सारण संसदीय क्षेत्र में अपना भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों में बसपा के अविनाश कुमार, जनहित किसान पार्टी के गजेंद्र प्रसाद चौरसिया, भारतीय एकता दल के ज्ञानी कुमार शर्मा, गण सुरक्षा पार्टी के वरूण कुमार दास, भारतीय लोक चेतना पार्टी के राजेश कुशवाहा, भारतीय सार्थक पार्टी के उम्मीदवार व पूर्व एमएलए शत्रुधन तिवारी के अलावे कई निर्दलीय भी शामिल हैं.

कौन-कौन आ चुके हैं प्रचार में

भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, शहनवाज हुसैन समेत दर्जन भर नेता रैली व भाषण कर चुके हैं. वहीं राजद की ओर से राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव डॉ रोहिणी आचार्य की जीत सुनिश्चित करने के लिए जहां सारण में लगातार कैंप किए हुए है, वहीं बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वीआइपी के मुकेश सहनी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावे इंडी गठबंधन के दर्जन भर नेता जनसभा कर वोट मांग चुके है.

राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ स्थानीय मुद्दे चुनाव में हावी

लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान एनडीए के नेताओं द्वारा विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा, कल्याण जैसे स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देने का संकल्प दुहराया गया तो स्थानीय स्तर पर एनडीए उम्मीदवार राजीव प्रताप रुडी के द्वारा सारण में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने, केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना, धार्मिक स्थलों के विकास के साथ-साथ जिले में औद्योगिक समृद्धि लाकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का वादा मतदाताओं से किया जा रहा है. उधर महागठबंधन की उम्मीदवार डॉ रोहिणी आचार्य द्वारा देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजकारी, संविधान की सुरक्षा जैसे राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर औद्यागिक नगरी के रूप में आजादी के बाद राष्ट्रीय मानचित्र पर प्रसिद्ध मढ़ौरा की चीनी मिल को खुलवाने, केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना, युवाओं को रोजगार की गारंटी सुनिश्चित करने के साथ-साथ अपने पिता लालू प्रसाद यादव के तरह ही बेला एवं मढ़ौरा जैसे कारखानों का सारण में जाल बिछाने का आश्वासन दिया जा रहा है.

रोहिणी आचार्य के नामांकन पर भाजपा उठा रही सवाल

राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्या के नामांकन को रद्द करने के लिए पटना उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गयी है. याचिकाकर्ता का कहना है कि रोहिणी आचार्या के पासपोर्ट की कोई जांच नहीं की गयी है कि वह सात वर्षों से अधिक से सिंगापुर में रहते हुए वहां कि नागरिकता हासिल की है या नहीं. याचिकाकर्ता ने आचार्या के भारत की नागरिकता पर भी सवाल उठाते हुए यह कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 एवं 102 के तहत लोक सभा चुनाव लड़ने में वह अयोग्य है .ऐसी स्थिति मे रिटर्निंग ऑफिसर को उनका नामांकन रद्द किया जाना चाहिए था. इसे मुद्दा बनाते हुए भाजपा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि रोहिणी आचार्य के नामांकन पत्र को वैध करार देने में रिटर्निंग अफसर ने जल्दबाजी दिखायी है. भाजपा ने चुनाव आयोग से भी इस मामले में शिकायत की है.

पिछले चुनाव में रूडी ने 1.39 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी

सारण में लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 56.50 फीसदी वोटिंग हुई थी.इस क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 16.67 लाख मतदाता थे,जिसमें से 9.43 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे.आठ उम्मीदवारों का जमानत जब्त हो गया था.भाजपा के राजीव प्रताप रूडी की जीत हुई थी. राजीव को 4.99 लाख और राजद से चंद्रिका राय को 3.60लाख मत मिले थे.2014 में कुल 56.12 प्रतिशत वोट पड़े थे.2014 में भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराकर यह सीट जीती थी.इस बार यह सीट लालू प्रसाद की बेटी रोहणी आचार्या के उम्मीदवार बनने से हॉट सीट बन गया हैॅ.जबकि भाजपा के रूडी लगातार दो चुनाव जीतने के बाद तीसरी बार मैदान में हैं.

एक नजर में

  • -कुल बूथ-1776
  • -कुल वोटर-1795010
  • -पुरुष वोटर-940771
  • -महिला वोटर-854230
  • -अन्य वोटर-09
  • -सर्विस वोटर-5780

सारण लोकसभा में पड़ने वाले विधानसभा क्षेत्र

-मढ़ौरा, छपरा, गड़ख, अमनौर, परसा, सोनपुर

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