आपदा विभाग ने स्कूलों को मॉर्निंग सत्र में चलने का दिया सुझाव
तय समय के पहले ही स्कूलों में गर्मी की छुट्टी देने का भी दिया निर्देश, आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रचंड गर्मी को देखते हुए बच्चों और मानव हित में कई अन्य निर्देश भी दिए.
छपरा. जिस तरह अप्रैल में ही गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरू किया है, उससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगा है. प्रचंड धूप के कारण घर से बाहर निकलना दुभर होने लगा है. सबसे ज्यादा स्कूली छात्राओं और छात्रों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. अप्रैल का महीना का अभी पहला सप्ताह है कि गर्मी से लोगों का हाल बेहाल होने लगा है. सारण में पारा 40 डिग्री सेल्सियस को छू गया है. इस मौसम में लोगों को लू लगने का खतरा हो सकता है. ये तब होता है जब शरीर अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता. जब किसी को लू लगती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है और फिर व्यक्ति को बिल्कुल पसीना नहीं आता. हीट स्ट्रोक का समय पर इलाज ना मिले तो इससे व्यक्ति की मौत या फिर ऑर्गन फेल हो सकते हैं. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंदन विभाग ने जिले के अधिकारियों को कई आदेश दिए हैं, तथा महत्वपूर्ण सुझाव भी सुझाए हैं.
स्कूलों की टाइमिंग बदली जाये
आपदा प्रबंधन विभाग का दो टूक कहना है कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों की टाइमिंग को बदल जाए और मॉर्निंग सत्र में किया जाये संभव हो सके तो निर्धारित समय के पहले ग्रीष्मावकाश की छुट्टी दी जाये. विभाग ने कहा है कि स्कूल के बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए स्कूल को सुबह की पाली में ही संचालित करने की व्यवस्था की जाये और इससे संबंधित आदेश जारी किया जाये.
तय समय से पहले गर्मी की छुट्टी हो
चुकी प्रचंड गर्मी का सीधा असर बच्चों पर पड़ेगा ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव ने गर्मी की छुट्टियां निर्धारित समय से पहले घोषित करने की भी सलाह दी है. गर्मी की भीषणता को देखते हुए स्कूलों को अल्पावधि के लिए बंद करने का फैसला डीएम समीक्षा कर ले सकते है. इसी तरह आंगनबाड़ी केंद्रों के खुलने और बंद होने के समय को बदलने पर फैसला लेने का आपदा प्रबंधन विभाग ने सलाह दिया है, ताकि बच्चों को भीषण गर्मी से बचाया जा सके.