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सारण के 227 शिक्षा स्वयंसेवक भूखमरी के कगार पर, मार्च से ही नहीं मिला वेतन

सारण में ऐसा ही कुछ हो रहा है सारण के 227 शिक्षा स्वयंसेवकों को कई महीने से वेतन नहीं मिल रहा है.

छपरा. एक तरफ सरकार तालिमी मरकज और टोला शिक्षण केंद्र को मजबूत बनाने की तैयारी कर रही है तो दूसरी तरफ उनके संचालक को भूखे मरने पर मजबूर कर रही है. सारण में ऐसा ही कुछ हो रहा है सारण के 227 शिक्षा स्वयंसेवकों को कई महीने से वेतन नहीं मिल रहा है. जिसके वजह से वह भूखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं. इस संबंध में जब स्वयंसेवकों से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मार्च 2024 से ही वेतन नहीं मिला है. ऐसे में हमारे बच्चे भूखे मर रहे हैं. उनका स्कूल फीस जमा नहीं हो रहा है दूध का पैसा नहीं दिला पा रहा है और अन्य सभी घरेलू कार्य बाधित है. किराना वाला सामान नहीं दे रहा है तो घर में बीमार मां बाप का इलाज नहीं हो पा रहा है. जानकारी हो कि तालिमी मरकज और शिक्षा स्वयंसेवकों को 22000 मासिक मानदेय मिलता है, लेकिन पिछले मार्च से ही भुगतान नहीं हो रहा है. लाल फीता शाही से परेशानी जब अधिकारियों को पता है कि किसी अधिकारी का ट्रांसफर हो जाता है तो उसके जगह पर किसी दूसरी पदाधिकारी को पूर्ण प्रभार दिया जाता है, ताकि व्यवस्था में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो यह तो शिक्षा विभाग है. यहां तो और देरी नहीं होनी चाहिए, ताकि विभाग और काम करने वाले तन मन से लगे रहे. जानकारी के अनुसार 30 मई को डीपीओ साक्षरता संजय कुमार का स्थानांतरण हो गया. उसके बाद से आज तक किसी दूसरे पदाधिकारी को प्रभाव नहीं दिया गया. दैनिक कार्य के लिए कार्यक्रम पदाधिकारी अजीत हरिजन को प्रभार दिया गया है, लेकिन वित्तीय प्रभार नहीं होने के कारण वह भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने पूछने पर बताया कि शिक्षा स्वयंसेवकों का वेतन कई माह से बकाया है और वह परेशान है.

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