लॉकडाउन के बीच प्रमंडल में अब तक 43 फीसदी हुई है गेहूं की कटनी

छपरा (सदर) : कोरोना के संक्रमण को ले लॉकडाउन के कारण सारण प्रमंडल के तीनों जिलों में अब तक 43 से 45 फीसदी तक ही गेहूं की कटनी हो पायी है. चालू माह के प्रारंभ में ही सरकार ने कृषि कार्य को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए लॉकडाउन से मुक्त रखने का निर्देश दिया […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 16, 2020 12:46 AM

छपरा (सदर) : कोरोना के संक्रमण को ले लॉकडाउन के कारण सारण प्रमंडल के तीनों जिलों में अब तक 43 से 45 फीसदी तक ही गेहूं की कटनी हो पायी है. चालू माह के प्रारंभ में ही सरकार ने कृषि कार्य को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए लॉकडाउन से मुक्त रखने का निर्देश दिया है. बावजूद मजदूरों की कमी व कोरोना से बचने को ले विभिन्न निर्देशों के कारण गेहूं की कटनी व दौनी प्रभावित हो रही है. सारण प्रमंडल में 33 से 45 फीसदी तक औसतन गेहूं की कटनी होने का दावा कृषि विभाग करता है. जिसके अनुसार सारण जिले में सबसे ज्यादा 50 फीसदी तो, सीवान में 45 फीसदी वहीं सबसे कम गोपालगंज 35 फीसदी तक ही गेहूं की कटनी हो पायी है. गोपालगंज में गेहूं की कटनी कम होने की वजह खेतों का आकार बड़ा होने व कंबाइंड हार्वेस्टर के माध्यम से बाहरी चालकों के आने पर उन्हें क्वारेंटिन सेंटर में रखने के कारण कटनी पीछे हुई है.

वहीं गोपालगंज में 11 कंबाइंड हार्वेस्टर के अलावा ट्रैक्टर से चलने वाले थ्रेशर व रिपर बाइंडी की कुल संख्या लगभग 350 होने की बात संयुक्त कृषि निदेशक बताते है. परंतु, बाद में किसानों ने स्थानीय क्षेत्र के चालकों से ही कंबाइंड हार्वेस्टर चलाने के कारण कटनी में गति आ रही है. वहीं सारण जिले में महज चार कंबाइंड हार्वेस्टर जो है उन्हें निजी स्थानीय चालकों द्वारा चलाया जा रहा है. लॉकडाउन में भी खेती के कार्य को दी गयी है सहूलियत सारण प्रमंडल में दो लाख 99 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती किये जाने की बात संयुक्त कृषि निदेशक बताते है. कृषि विभाग के द्वारा जारी सूचना के अनुसार सारण में एक लाख हेक्टेयर, सीवान में 1.02 लाख हेक्टेयर व गोपालगंज में 97 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई है. बाहर से मजदूर भी आये है. वहीं सरकार ने लॉकडाउन में भी खेती के कार्य को सहुलियत दी है. परंतु, सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने और कटनी व दौनी के दौरान साबून, पानी की व्यवस्था करने का निर्देश है. वहीं अपनी जान की चिंता को लेकर भी मजदूर कटनी में रुचि नहीं दिखा रहे है. ऐसी स्थिति में किसान कटनी दौनी को लेकर परेशान है. क्या कहते हैं पदाधिकारीसारण प्रमंडल में 43 से 45 फीसदी तक गेहूं की कटनी हो चुकी है. सबसे ज्यादा सारण जिले में 50 फीसदी व सबसे कम गोपालगंज में 35 फीसदी गेहूं की कटनी हुई है. प्रमंडल में अधिकतर खेतों के छोटा आकार होने और किसानों की मजदूरों पर निर्भरता के बीच कोरोना के भय से कटनी व दौनी की रफ्तार जोड़ नहीं पकड़ पा रही है.

विजेंद्र चौधरी, संयुक्त कृषि निदेशक, सारण

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