Sonepur Mela: सोनपुर मेला में अब तक शुरू नहीं हो पाया थियेटर, हर दिन हो रहा लाखों का नुकसान
Sonepur Mela: सोनपुर मेला के उद्घाटन को चार दिन हो चुके हैं, लेकिन इस बार अभी तक थियेटर शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में मेला देखने आने वाले लोगों में निराशा है. थियेटर संचालकों को भी हर दिन लाखों का नुकसान हो रहा है.
Sonepur Mela: विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर के उद्घाटन के पांच दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक थियेटरों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है. प्रशासनिक अनुमति नहीं मिलने और लाइसेंस में देरी के कारण थियेटर संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं मनोरंजन की उम्मीद लेकर दूर-दराज से आए दर्शक भी निराश होकर लौट रहे हैं.
प्रशासनिक देरी बनी बाधा
सोनपुर मेले में हर साल थिएटर दर्शकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र होते हैं. लेकिन इस बार प्रशासन द्वारा समय पर लाइसेंस जारी नहीं किए जाने के कारण थिएटरों का संचालन शुरू नहीं हो सका है. गाय बाजार, नखास क्षेत्र, हाथी बाजार और बच्चा बाबू के हाता में स्थापित थिएटरों का माहौल सुना पड़ा है.
संचालकों को आर्थिक नुकसान
थियेटर संचालकों ने करोड़ों रुपये खर्च कर थियेटर बनाए हैं. इसमें 25 से 35 लाख रुपये तक का खर्च प्रति थियेटर आया है. इसके बावजूद, वे प्रशासनिक अनुमति के अभाव में संचालन शुरू नहीं कर पा रहे हैं. इससे न केवल उनका निवेश फंसा हुआ है, बल्कि हर दिन लाखों का नुकसान भी हो रहा है. थियेटर के लिए देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 1000 महिला और पुरुष कलाकार पहुंचे हुए हैं.
दर्शकों और व्यापारियों में नाराजगी
दर्शकों की निराशा का असर अन्य व्यवसायियों पर भी पड़ रहा है. मेले में आए दुकानदारों का कहना है कि थियेटरों के शुरू न होने से रात के समय मेले की रौनक फीकी पड़ रही है, जिससे उनकी बिक्री प्रभावित हो रही है. इस क्षेत्र में कश्मीर सहित देश के विभिन्न भागों से आए गर्म कपड़ों के बड़े व्यापारियों की दुकानें भी हैं और उनकी बिक्री भी खूब होती है. लेकिन थियेटर शुरू नहीं होने की वजह से इनके कारोबार पर भी असर हो रहा है.
स्थानीय लोगों में गुस्सा
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी महकमा सोनपुर मेले को बर्बाद करने पर तुला हुआ है. प्रशासन की ऐसी हरकतें मेले के लिए किए जा रहे प्रयासों में भी बाधा डालती हैं. ऐसा नहीं है कि सारण जिला प्रशासन मेले के विकास के प्रति नकारात्मक रवैया रखता है. खुद जिलाधिकारी सक्रिय हैं. इसके बावजूद अगर अनियमितताएं हैं तो इसका मतलब है कि आपसी समन्वय की कमी है और पिछले अनुभवों से सबक नहीं लिया गया है. अगर समय पर लाइसेंस जारी हो जाता तो यह समस्या नहीं होती.
क्या कहते हैं एसडीओ
सोनपुर एसडीओ आशीष कुमार ने कहा, “थियेटर संचालकों की ओर से आवेदन मिला है. जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक-दो दिन में लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा.”