डिजिटल शिक्षा की ओर बढ़ते कदम
प्रभुनाथ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर पुष्पराज गौतम ने कहा कि भारत को सामर्थ्य स्वावलंबी और शक्तिशाली राष्ट्र बनाना है, तो इसका आधार शिक्षा ही हो सकती है. वर्तमान शिक्षा में आधारभूत बदलाव कर हम चुनौतियों को आसानी से अवसर में बदल सकते हैं. शिक्षा का धर्म चुनौतियों का साहस के साथ सामना करना और निरंतर आगे बढ़ना सिखाता है. डिजिटल शिक्षा एक सामाजिक गतिविधि है.
परसा : प्रभुनाथ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर पुष्पराज गौतम ने कहा कि भारत को सामर्थ्य स्वावलंबी और शक्तिशाली राष्ट्र बनाना है, तो इसका आधार शिक्षा ही हो सकती है. वर्तमान शिक्षा में आधारभूत बदलाव कर हम चुनौतियों को आसानी से अवसर में बदल सकते हैं. शिक्षा का धर्म चुनौतियों का साहस के साथ सामना करना और निरंतर आगे बढ़ना सिखाता है. डिजिटल शिक्षा एक सामाजिक गतिविधि है. हमारे जीवन का अंग बन चुका है. महाविद्यालयों के शिक्षकों को सीखने और सिखाने और इस्तेमाल आजकल किया जा रहा है.
उन्हें अपनी डिजिटल शिक्षा को समझ कर अपना हुनर विकसित करते रहना चाहिए. सीखना बुनियादी तौर से एक ही सामाजिक गतिविधि है. इसलिए सरकार बच्चों को ऑनलाइन नेटवर्क से जोड़ने एवं सुरक्षा के साथ सीखने के लिए उत्साहित कर रहा है. लॉकडाउन पीरियड में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को ग्रुप डिस्कशन गूगल ऐप वेब के माध्यम से, जो लेक्चर दिया गया उससे कितने छात्र लाभान्वित हुए या नहीं, इसके लिए प्रभुनाथ महाविद्यालय परसा, दो दिनों का ग्रुप डिस्कशन बड़े-बड़े विद्वान बीएचयू, आइटीआइ, पटना विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, नव नालंदा महाविहार दिल्ली विश्वविद्यालय, भागलपुर विश्वविद्यालय, बैंकॉक से आये आर बैक विश्वविद्यालय के चेयरमैन भारत की संस्कृति के बारे में बतायेंगे.
विद्वान शिक्षक और 200 छात्र छात्राओं को कंप्यूटर का पुस्तक देखकर उत्साहित किया जायेगा. नोडल ऑफिसर सौरव भट्टाचार्य विभागाध्यक्ष इंग्लिश विभाग एवं दीपा मुखर्जी इंग्लिश विभाग, कुमार वरुण हिंदी विभाग, डॉ अनीता इकोनॉमिक्स विभाग, डॉक्टर अनिल कुमार पॉलिटिकल साइंस विभाग ,विकास रंजन पॉलिटिकल साइंस, पंकज कुमार वनस्पति शास्त्र ,डॉ अजय जंतु विज्ञान ,बबीता हिंदी विभाग इत्यादि के सहयोग से महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर पुष्पराज गौतम पीएन कॉलेज परसा के नेतृत्व से चल रहा है.