हाइ व प्लस टू स्कूलों के छात्रों नहीं मिल पा रही प्रयोगशाला व लाइब्रेरी की सुविधा
जिले के स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद के तहत प्रयोगशाला व पुस्तकालयों को सुदृढ़ बनाने के लिए वार्षिक अनुदान मद से 50-50 हजार रुपये उपलब्ध कराये गये थे.
छपरा. जिले के स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद के तहत प्रयोगशाला व पुस्तकालयों को सुदृढ़ बनाने के लिए वार्षिक अनुदान मद से 50-50 हजार रुपये उपलब्ध कराये गये थे. इसके पहले भी कई बार लाखों रुपये प्रयोगशाला और लाइब्रेरी के मद में उपलब्ध कराये गये थे, लेकिन उन रुपयो का उपयोग नहीं दिख रहा है. लेब्रोरेटरी के समान और लाइब्रेरी के पुस्तक केवल शोभा की वस्तु बनी हुए हैं.
हर साल मिलता है ग्रांट
वार्षिक अनुदान के तहत हर साल 50 हजार रूपये का अनुदान मिलता है. जिसमें 25 हजार रुपये प्रयोगशाला सुदृढ़ीकरण, 10 हजार रुपये पुस्तकालय और 15 हजार रुपये अन्य गतिविधियों पर खर्च किये जाने का प्रावधान है. इस व्यवस्था के तहत कक्षा नौंवी से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के शिक्षण के क्रम में प्रयोगशाला उपयोग के लिए आवश्यक सामग्रियों की खरीदारी की जानी होती है. इसके तहत संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक विज्ञान शिक्षक से सूची प्राप्त कर आवश्यक सामान मसलन टीएलएम चार्ट, टेबल, कंकाल, ग्लोब, मॉडल आदि उपलब्ध कराया जाना होता है. साथ ही प्राप्त राशि से प्रयोगशाला उपकरणों की मरम्मत करायी जाती है और आवश्यकतानुसार अलमीरा क्रय किया जाता है. पुस्तकालय के लिए उपलब्ध राशि से पुस्तकों की खरीदारी की जाती है. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. कहीं कमरे की कमी है तो कहीं इच्छा शक्ति की. कुछ स्कूलों में लैब के उपकरण तो है लेकिन बच्चों को प्रैक्टिकल नहीं कराया जाता है, क्योंकि एक कमरें में केमिस्ट्री, फिजिक्स एवं जुलोजी का सेटअप कैसे लगाया जा सके. स्कूल में लैब रूम नहीं होने के कारण प्रैक्टिकल क्लास नहीं चल पाता है.
कमरों की कमी कैसे चले प्रैक्टिकल क्लास
सारण के हाई स्कूल और प्लस टू स्कूलों में एक ही कमरे में रसायन शास्त्र, भौतिकी एवं जंतु विज्ञान के प्रैक्टिकल के समान रखे गये हैं. जिसके कारण वहां प्रैक्टिकल की कक्षाएं नहीं चलती है. कमरे के अभाव में स्कूल प्रबंधन चाह कर भी लैब क्लास नहीं चला पा रहा है. इसलिए विभाग द्वारा मिले लैब के उपकरण को अलमीरा में बंद कर व्यवस्थित रखा गया है.
लाइब्रेरी में रखा गया है जिम का समान
कई स्कूलों में तो स्थिति यह है कि कमरों की कमी की वजह से लाइब्रेरी में भी जिम का समान रखा हुआ है. इसलिए यह न तो लाइब्रेरी न ही जिम के लिए ही उपयोगी है. जिम एवं पुस्तकें दोनों ही यहां बरबाद हो रही है. लाखों रूपये के जिम का समान भी बरबाद हो रहा है. शिक्षा विभाग ने इस विद्यालय में कंप्यूटर सेट नहीं दिया है. कमरे के कमी के कारण लैब को व्यवस्थित नहीं किया गया है. लाइब्रेरी में सिलेबस की पुस्तक नहीं है.
क्या कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी
जल्द ही मैं प्रयोगशाला, पुस्तकालय और खेल के लिये मिले आवंटन और उसके सदुपयोग को लेकर स्कूलों का निरीक्षण करूंगा. जहां भी लापरवाही सामने आयेगी, कारवाई होगी.
विद्यानंद ठाकुर
डीइओ, सारण
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