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chhapra news : अति पिछड़ा आवासीय विद्यालय में घटिया खाना परोसे जाने पर छात्राओं का हंगामा

chhapra news : छात्राओं ने स्कूल और हॉस्टल की बदहाली को लेकर करीब पांच घंटे तक स्कूल के सभी कर्मियों को बाहर निकाल मुख्य गेट में अंदर से तालाबंदी करते हुए और छत पर चढ़कर खूब हंगामा किया.

छपरा. देशभर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा तो जोर-शोर से गूंज रहा है, लेकिन बेटियों को स्कूल में सुविधा कैसी मिल रही है इसकी चिंता किसी को नहीं है. 29 जनवरी को सारण के जयप्रकाश विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या प्लस टू आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने स्कूल और हॉस्टल की बदहाली को लेकर करीब पांच घंटे तक स्कूल के सभी कर्मियों को बाहर निकाल मुख्य गेट में अंदर से तालाबंदी करते हुए और छत पर चढ़कर खूब हंगामा किया.

ये लड़कियां किसी पॉलिटिकल बैकग्राउंड से नहीं हैं और न ही इनका कोई छात्र संघ है, ये छोटी मासूम लड़कियां कक्षा छह से 12वीं तक की छात्राएं हैं, जो अपने शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष कर रही हैं. दर्जनों की तादाद में छतों पर चढ़ी इन छात्राओं का आरोप है कि स्कूल में न तो पढ़ाई ठीक से होती है और न ही कोई मूलभूत सुविधाएं इन्हें मिलती हैं. लड़कियों का यहां तक कहना है कि छात्रावास में घटिया खाना परोसा जाता है. कई दिनों से शिकायत की जा रही है पर इस पर कोई अमल नहीं किया जा रहा है. करीब 255 लड़कियों के बीच सिर्फ 9 से 10 कमरे और दो से तीन बाथरूम की सुविधा है, जिसके चलते लड़कियों को रोजाना काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं. इतना ही नहीं स्कूल और हॉस्टल दोनों की बिल्डिंग बहुत बेहतर व्यवस्था में नहीं है.

मुख्य नाराजगी खाने की खराब क्वालिटी

इस मुद्दे पर जब कई छात्राओं और उनके अभिवावकों से बातचीत की गयी, तो बताया गया कि सबसे अधिक नाराजगी खाने की खराब क्वालिटी को लेकर है. इस पूरे मामले की गंभीरता को समझाते हुए बताया कि इस स्कूल का संचालन पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग की ओर से किया जाता है. सालों से लड़कियां यहां नियमित पढ़ाई और हॉस्टल में रहने-खाने संबंधी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रही हैं. अभिभावक मुन्ना कुमार यादव ने बताया कि उनकी भी बेटी इसी स्कूल में पढ़ रही है कई बार उसने खाने को लेकर शिकायत की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. स्कूल के प्रिंसिपल लाल बाबू के अनुसार बालिकाओं की नाराजगी मुख्य रूप से घटिया खाने को लेकर है उनकी शिकायत पर कई बार जिले के अधिकारियों को सूचना दी गई लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो छात्राएं नाराज हो गयी हैं. उन्होंने बताया कि कई दिनों से वे छात्राओं को समझा रहे थे, लेकिन अंततः छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा है. यहां खाने की सप्लाई एनजीओ के द्वारा की जाती है इसमें सुधार की जरूरत है.जिसको बेहतर खाना उपलब्ध कराना है इसमें सुधार की जरूरत है.

कई शिकायतों के बाद एक्शन नहीं

नाम नहीं छापने का शर्त पर लड़कियों ने बताया कि इससे पहले भी इन्होंने कई बार स्कूल प्रशासन से इस बदहाली को लेकर कई शिकायतें की हैं, लेकिन प्रशासन ने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया. बुधवार को जब इन छात्राओं ने छत पर चढ़कर जब हो हंगामा मचाना शुरू किया तब जाकर प्रशासन से लेकर पुलिस सभी एक साथ हरकत में आए और इन छात्राओं को समझाने के लिए स्कूल में पहुंचे. सभी के आश्वासन के बाद छात्राओं ने अपना आंदोलन तो समाप्त कर दिया लेकिन उन्हें अभी भी बदलाव की कोई खास उम्मीद नहीं है.

255 का है नामांकन, उपस्थित 165

विभागीय अधिकारियों के अनुसार छात्रावास में 255 के लगभग का नामांकन है लेकिन वर्तमान में उपस्थित 165 के आसपास है. यानी आंदोलन में लगभग डेढ़ सौ छात्राएं शामिल थी. हालांकि कुछ अधिकारियों का यह भी कहना है कि छात्राओं को कुछ लोगों द्वारा उकसाया जाता है जिसके वजह से यह स्थिति उत्पन्न होती है व्यवस्था बिलकुल दुरुस्त है.

जिलाधिकारी के आदेश पर पहुंचे एडीएम

बालिकाओं द्वारा हल्ला हंगामा की सूचना जैसे ही जिलाधिकारी को मिली उन्होंने मौके पर अपर समाहर्ता इंजीनियर मुकेश कुमार को भेजा. उन्होंने छात्राओं से बातचीत की और उनकी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया. इस संबंध में जब जिला कल्याण पदाधिकारी साधना कुमारी से बात की गया, तो उन्होंने कहा कि छात्राओं और समाहर्ता के वार्ता चल रही है. सभी समस्याओं को दूर किया जायेगा.

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