Chhapra News : खराब मध्याह्न भोजन के खिलाफ छात्र-छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन

Chhapra News : प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय बाजितपुर में मंगलवार को एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे मध्याह्न भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर छात्रों और ग्रामीणों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 10, 2024 9:39 PM

परसा. प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय बाजितपुर में मंगलवार को एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे मध्याह्न भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर छात्रों और ग्रामीणों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने खराब भोजन खाने से इनकार कर दिया, जिससे मामला गंभीर हो गया. जैसे ही छात्रों द्वारा भोजन से इनकार और उसकी खराब गुणवत्ता की खबर फैली, ग्रामीण काशी नाथ सिंह, सिकेन्द्र सिंह, निशांत सिंह और बिट्टू कुमार सहित दर्जनों लोग विद्यालय पहुंचे. उन्होंने भोजन की गुणवत्ता का परीक्षण खुद चखकर किया. भोजन बेहद घटिया और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया गया. ग्रामीणों ने एनजीओ के वाहन चालक को वही भोजन खिलाया, जिसने स्वीकार किया कि खाना वाकई खराब है.

शिक्षकों का बयान और छात्रों की नाराजगी

ग्रामीणों ने शिक्षकों से जब इस मुद्दे पर सवाल किया, तो उन्होंने बताया कि भोजन एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराया जाता है और विद्यालय प्रशासन इसे परोसने के लिए बाध्य है. छात्रों ने आरोप लगाया कि एनजीओ का भोजन पहले भी कई बार खराब पाया गया है. कुछ समय पहले भोजन में कीड़े पाए गए थे, जिसके बाद जांच हुई थी और अधिकारियों ने सुधार का आश्वासन दिया था. लेकिन भोजन की गुणवत्ता में कोई बदलाव नहीं हुआ.

छात्रों और ग्रामीणों की मांग

खराब भोजन के विरोध में छात्रों ने एनजीओ के भोजन का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया. छात्रों ने मांग की कि विद्यालय में पूर्व की भांति गुणवत्तापूर्ण भोजन बनाया जाये और एनजीओ के माध्यम से खाना उपलब्ध कराना बंद किया जाये. विरोध स्वरूप छात्रों ने एनजीओ के भोजन को विद्यालय की चारदीवारी के बाहर फेंक दिया.

विधायक ने किया हस्तक्षेप

ग्रामीणों ने इस मामले की सूचना स्थानीय विधायक कृष्ण कुमार मंटू सिंह को दी. विधायक ने विद्यालय का दौरा कर छात्रों और शिक्षकों से भोजन की स्थिति के बारे में जानकारी ली. उन्होंने गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया और कहा कि इस मामले को प्रशासन के समक्ष गंभीरता से उठाया जायेगा. विद्यालय के छात्रों और ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे एनजीओ के भोजन को स्वीकार नहीं करेंगे. वे गुणवत्तापूर्ण और स्वच्छ भोजन की मांग कर रहे हैं. इस मामले में त्वरित प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है ताकि बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े.

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