जिले में गंगा और घाघारा उफान पर, गडंक ने खतरे के निशान को किया पार

लगातार हो रही बारिश और गंडक बराज से छोड़े जा रहे है पानी का असर नदियों के जलस्तर पर देखने को मिल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2024 10:13 PM

छपरा. लगातार हो रही बारिश और गंडक बराज से छोड़े जा रहे है पानी का असर नदियों के जलस्तर पर देखने को मिल रहा है. पहले से ही गंडक नदी का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गई थी और अब खतरे के निशान को भी पार करने की तैयारी में है. संभावना जतायी जा रही है की एक से दो दिन में यह खतरे के निशान को पार कर जायेगी, विभागीय इंजीनियर निगरानी रखे हुए है और रात बांध पर सो कर गुजार रहे हैं. ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बड़े अधिकारियों को सूचना दी जा सके. इधर शहर से सटे सरयू नदी और नयागांव के आसपास की गंगा नदी के जलस्तर में भी वृद्धि होने लगी है और गंगा के किनारे रहने वाले लोगों का टेंशन बढ़ने लगा. सबसे अधिक परेशान किसान है. बाढ़ नियंत्रण विभाग गंगा, हाजीपुर गंडक, रेवा गंडक और घाघरा यानी सरयू (सिसवन) पर लगातार नजर बनाये हुए है. इनकी प्रतिदिन की रिपोर्ट ली जा रही है और निगरानी के लिए अधिकारियों और चौकीदारों की तैनाती कर दी गयी है. अब तो बांध पर ही रात गुजारने का आदेश दे दिया गया है ताकि नजर रखी जा सके. अभी तक की स्थिति मिली जानकारी के अनुसार अब गंगा घाघरा यानी सरयू के जलस्तर में वृद्धि हो रही है ऐसे में अधिकारियों को गंडक के साथ-साथ इन नदियों के जलस्तर पर भी नजर रखनी पड़ रही है. गंगा के गांधी घाट से लिए गए रिपोर्ट के अनुसार चेतावनी रेखा 47.60 मीटर है खतरे का निशान 48.60 मीटर है और अभी वर्तमान जलस्तर 47.41 तक पहुंच गया है . इसी तरह घाघरा यानी सरजू नदी के लिए सिसवन के पास से ली गयी रिपोर्ट के अनुसार यहां चेतावनी रेखा 56.04 है और खतरे का निशान 57.04 है वर्तमान में स्थिति 56.35 तक पहुंच गया है और 11 जुलाई के बाद से लगातार जलस्तर में वृद्धि हो रही है. छपरा से सटे घाघरा का जलस्तर भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है इसके चेतावनी की रेखा 52.68 मीटर है और खतरे का निशान 53.68 मीटर है वर्तमान में 49.12 मी का जलस्तर प्राप्त हुआ है.गंडक रेवा की जल स्तर में अधिक वृद्धि हो रही है यहां 53.41 मी के जलस्तर को वार्निंग के दायरे में रखा गया है जबकि 54.41 मी के जलस्तर को खतरे के निशान माना गया है और फिलहाल 13जुलाई के दोपहर 2:00 तक 54.33 मीटर जलस्तर है. 8 जुलाई के बाद धीरे-धीरे जलस्तर में वृद्धि हो रही इसी तरह गंडक हाजीपुर के लिए चेतावनी की रेखा 49.32 मीटर है खतरे के निशान के लिए 50.32 मी चिन्हित है और वर्तमान में 47. 87 मीटर तक पानी पहुंच गया है.ऐसे में अधिकारियों का टेंशन बढ़ना लाजिमी है. आंकड़ों में स्थिति नदी का नाम खतरे का निशान वर्तमान स्थिति गंगा नदी 48.60 47.41 गंडक हाजीपुर 50.32 47.87 गंडक रेवा 54.41 54.33 घाघरा सिसवन 57.04 56.35 घाघरा छपरा 53.68 49.12 यहां से आ रहा अधिक पानी -गंडक बैराज से छोड़ा गया पानी-2.33500 क्यूसेक -नेपाल से छोड़ा गया पानी- 2.31711-क्यूसेक डीएम पल पल का ले रहे हैं रिपोर्ट जिलाधिकारी अमन समीर सभी नदियों के जलस्तर के प्रतिदिन की रिपोर्ट को ले रहे हैं और उसी के अनुसार निगरानी का आदेश जारी कर रहे हैं. जहां भी कटाव वाले क्षेत्र हैं सभी जगह पर बौल्डर और सीमेंट की बोरी में बालू भरकर आच्छादित किया जा रहा है ताकि कटाव आगे नहीं बढ़ सके. इसके अलावा बाढ़ से निपटने के लिए और जान माल की सुरक्षा के लिए हर प्रकार की तैयारी की जा रही है. क्या कहते हैं अधिकारी अब गंगा और घाघरा के जलस्तर में भी धीमी गति से वृद्धि हो रही है. गंडक के जलस्तर में 8 जुलाई से लगातार वृद्धि हो रही है और यह खतरे के निशान को पार करने वाली है ऐसे में हर तरह की तैयारी पूरी कर ली गयी है. खुद बांध पर रहकर रात भर पहरा दे रहे हैं और नजर रखी जा रही है. संजय कुमार, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण

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