एक माह से नहीं मिल रही टीबी की दवा, मरीज परेशान
सदर अस्पताल का यक्ष्मा विभाग में दवा की अनुपलब्धता के कारण रोगियों को पिछले कुछ दिनों से परेशानी उठानी पड़ रही है.
छपरा.
सदर अस्पताल का यक्ष्मा विभाग में दवा की अनुपलब्धता के कारण रोगियों को पिछले कुछ दिनों से परेशानी उठानी पड़ रही है. एक ओर जहां सरकार के द्वारा 2025 तक टीबी उन्मूलन को लेकर क्वायद तेज की गयी है. तो वहीं अस्पताल में दवा की उपलब्धता नहीं होने से व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे है. अस्पताल में मिलने वाली टीबी रोग की दवा फोरएफडीसी व थ्रीएफडीसी पिछले एक माह से पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. मरीज अस्पताल को छोड़ निजी दुकानों से एकेटीफोर व एकेटीथ्री खरीद कर खाने को विवश हैं. गरीब व असहाय मरीज दवा में गैप न हो इसके लिए बाहरी दुकानों से खरीदारी कर रहे हैं. गरीबों के लिए अस्पताल के यक्ष्मा विभाग में कई सुविधाओं को दर्शाया गया है. लेकिन ऐसी कोई भी सुविधाजनक स्थिति फिलहाल दिखायी नहीं दे रही है.24 घंटे में रिपोर्ट देने का दावा भी फेल :
यक्ष्मा विभाग में जांच के लिए आये मरीजों को रिपोर्ट मिलने में भी काफी विलंब के साथ परेशानी झेलनी पड़ रही है. विदित हो कि विभाग में 24 घंटे में रिपोर्ट देने वाली मशीन भी लगायी गयी है. लेकिन उस मशीन की क्षमता भी कम है. जिस कारण मरीजों को दो से तीन दिन का समय जांच रिपोर्ट में लग जा रहा है. फिलहाल जांच के लिए विभाग के कर्मी मरीजों का सैंपल एकत्रित कर लैब को भेज रहे हैं. टीबी जांच करने वाली सीबी नेट कीट भी पांच माह से उपलब्ध नहीं है. वहीं इसके बदले ट्रू नेट किट से मरीजों की जांच की जा रही है. मरीजों को मिलने वाले पोषक आहार का पैसा भी पूरी नही मिल रहा है. दूर दराज से आने वाले गरीब मरीजों को पैसा ना मिलने के कारण दवा लेने में भी परेशानी हो रही है.क्या कहते हैं इंचार्ज
दवा की उपलब्धता को लेकर वरीय पदाधिकारी को लिखित रूप से सूचना दे दी गयी है. जल्द ही मरीजों की समस्या के मद्देनजर दवा को उपलब्ध करा लिया जायेगा.डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह, जिला संचारी रोग पदाधिकारी
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