सारण जिले के दिघवारा अंचल के सरकारी स्कूलों में मंगलवार से शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए ऑनलाइन हाजिरी बनाने का काम शुरू हुआ. हालांकि इस काम में बहुत कम शिक्षक-शिक्षिकाओं को ही सफलता हाथ लग सकी. ऐसा होने पर वे लोग काफी टेंशन में दिखे. इशिक्षा कोष साइट के व्यस्त होने या फिर नेटवर्क की अनुपलब्धता के कारण अधिकतर शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी नहीं बना सके, तो बहुसंख्यक शिक्षक तकनीकी ज्ञान में दक्ष न होने के कारण ऐसा करने में असफल रहे. ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्कूल के ही दूसरे शिक्षक-शिक्षिकाओं से सहयोग लेते देखा गया. इससे पूर्व ऑनलाइन हाजिरी बनाने के विभागीय आदेश के बाद अंचल के अधिकतर विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिका समय से पूर्व ही स्कूल जाते देखे गये, तो वहीं शिक्षकों को एंड्रॉयड फोन से ऑनलाइन हाजिरी बनाने में व्यस्त देखा गया, मगर अधिकतर शिक्षक-शिक्षिकाओं को इस काम में सफलता नहीं मिल सकी. इसके बाद ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाओं में मायूसी देखी गयी. ऐसे लोग एक दूसरे का सहारा भी लिया, मगर वे लोग हाजिरी बनाने में सफल नहीं हो सके. स्कूल से आउट होने के समय भी शिक्षक-शिक्षिकाओं को ऐसी ही परेशानी झेलनी पड़ी. कई शिक्षकों को यूट्यूब के सहारे हाजिरी बनाने के तरीकों की जानकारी लेते देखा गया. तकनीक में कम दक्ष रहने वाले हेडमास्टरों-शिक्षकों को ज्यादा परेशानी हुई. वे लोग अपने अधीनस्थ शिक्षकों को सहयोग नहीं दे सके. ऑनलाइन हाजिरी नहीं बनने के कारण मंगलवार को बहुसंख्यक शिक्षकों ने ऑफलाइन मोड में ही अपनी हाजिरी बनायी. कई शिक्षकों का कहना था कि वे लोग स्कूल में मौजूद हैं, लेकिन इशिक्षा कोष एप पर हाजिरी नहीं बना पा रहे हैं. क्योंकि, उनको स्कूल से कई किलोमीटर दूर बता रहा है, तो कुछ शिक्षकों का कहना था कि साइट के नहीं खुलने से सुबह के आठ बजे तक वे लोग हाजिरी बनाने में असफल रहे थे. ट्रायल के पहले दिन शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी बनाने में कड़वा अनुभव झेलना पड़ा, तो वहीं स्कूल में ऑनलाइन हाजिरी बनाने के दौरान शिक्षकों को होनेवाली परेशानियों की भी चर्चा सुनने को मिली. कुछ शिक्षकों का कहना था कि ऑनलाइन हाजिरी के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण जरूरी है. कई शिक्षक तो मंगलवार को ही इशिक्षा कोष एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड करते नजर आये. ऑनलाइन हाजिरी के आदेश ने शिक्षक-शिक्षिकाओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. वैसे शिक्षक-शिक्षिकाओं को ज्यादा परेशानी है जो दूर से विद्यालय आते हैं. उधर ऑनलाइन हाजिरी के आदेश के बाद मंगलवार को शिक्षक-शिक्षिका समय से पूर्व घर से प्रस्थान करते नजर आये थे. हेडमास्टरों का कहना था कि ऑनलाइन हाजिरी की प्रक्रिया के बाद उनलोगों का टेंशन थोड़ा कम होगा, क्योंकि शिक्षक-शिक्षिका अपने अटेंडेंस बनाने को लेकर अब खुद सजग रहेंगे. अभी बीपीएससी के प्रथम व द्वितीय चरण में बहाल शिक्षक-शिक्षिकाओं की ऑनलाइन हाजिरी नहीं बन रही है जिससे उनलोगों को थोड़ी राहत है.
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