10 से अधिक एग्जिट प्वाइंट को कराया गया दुरुस्त, पानी निकलने से शहरवासियों ने ली चैन की सांस
छपरा. शनिवार की रात और रविवार की सुबह कई घंटे तक हुई बारिश के बाद पूरा नगर निगम क्षेत्र जलमग्न हो गया था. डीएम, एसपी आवास डूबे हुए थे.
छपरा. शनिवार की रात और रविवार की सुबह कई घंटे तक हुई बारिश के बाद पूरा नगर निगम क्षेत्र जलमग्न हो गया था. डीएम, एसपी आवास से लेकर, ज्यूडिशियल आवास और अमूमन सभी सरकारी कार्यालय और शिक्षण संस्थान के कैंपस पूरी तरह से डूबे हुए थे. जलजमाव इतना था कि घरों में घुटने तक नाले का पानी घुस गया था. इस विकट स्थिति को देखते हुए नगर सरकार की पूरी टीम को मैदान में उतरना पड़ा और शहर के जितने भी जल निकासी के एग्जिट प्वाइंट थे, उनकी सफाई करानी पड़ी. कैंपस के जलजमाव को मोटर और सुपरसकिंग मशीन से सफाई करानी पड़ी. तब जाकर कुछ राहत मिली. जलजमाव से निजात दिलाने रविवार की रात महापौर लक्ष्मी नारायण गुप्ता निकले. नगर आयुक्त सुमित कुमार सबसे पहले रामनगर ढाला और साधा ढाला पहुंचे. यहां की स्थिति देख वे आश्चर्य में पड़ गए कि आखिर में आज तक इस मुख्य एग्जिट पॉइंट की सफाई क्यों नहीं की गई. जैसे ही बुलडोजर के माध्यम से जाम नाले को खोला गया, कुछ ही मिनट में पूरे इलाके के कई मोहल्लों का पानी निकल गया. कुछ यही हाल साधा ढाला बाईपास एग्जिट प्वाइंट के पास था. यहां भी नए सिरे से नाले की कटिंग हुई और पानी निकलना शुरू हो गया. महापौर में बताया कि सही जगह पर सही बीमारी की इलाज नहीं हो रही था, जिसकी वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. इन दोनों जगहों पर सफाई के बाद जगदंबा कॉलेज, वार्ड नंबर 4, श्याम चक्र स्थित 50 और 51 नंबर रेलवे फाटक, मजिस्ट्रेट कॉलोनी, जज कॉलोनी, पुरानी गुडहटी, आरडीएस पब्लिक स्कूल के पास, बुढ़िया माई के पास के एग्जिट प्वाइंट को बुलडोजर के माध्यम से खोला गया. इससे स्थिति सामान्य हो गयी. महापौर ने बताया कि छपरा शहर के पूर्वी क्षेत्र की जल निकासी का रास्ता संधा ढाला खनुआ नाला होते हुए नाला रेलवे क्रॉसिंग को पार करता है और यह जतई पोखरा होते हुए रामनगर रेलवे ढाला से चंवर में जाता है, चंवर से यह पानी मैथवालिया चौक पइन में मिल जाता है, जिससे किसान खेती करते हैं. पश्चिम क्षेत्र का पानी माल गोदाम रोड से होते हुए चंवर और जगदम कॉलेज के पास जाता है. इसके अलावा रेलवे फाटक 50 और 51 से क्रॉस करते हुए जगदंब कॉलेज के पास जाकर मिल जाता है. पुरानी गुडहट्टी, सलेमपुर, गांधी चौक, नेहरू चौक, सरकारी बाजार, साहिबगंज चौक के कई इलाकों में इतना जल जमा हो गया था कि स्थानीय लोग टेंशन में आ गए थे, कि घर से निकल पाएंगे या नहीं, दुकान खोल पाएंगे कि नहीं. पानी निकल जाने से अधिकारियों ने भी चैन की सांस ली है. शहर के लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर है कि यह काम जो अभी हो रहा है यह बरसात के पहले क्यों नहीं किया गया. आज जिस तरह से शहरवासी प्रताड़ित हो रहे हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है. हालांकि कुछ लोग यह स्पष्ट कहते नजर आए कि बुडको का एक भी काम दुरुस्त नहीं हुआ है, जिसके कारण ऐसी स्थिति से शहर गुजर रहा है. जिलाधिकारी ने भी बुडको की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है और तीन अधिकारियों की टीम गठित कर कार्यप्रणाली की जांच करने का आदेश दिया है. नगर आयुक्त ने 28 पन्नों की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है. कभी भी कार्रवाई हो सकती है. मामले में महापौर लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने कहा कि दरअसल बीमारी कहीं और है और इलाज कहीं और हो रहा था. मैंने इसकी पूरी स्टडी की है, तब जाकर एग्जिट प्वाइंट की सफाई कराई है. अब बरसात का पानी कुछ ही मिनट में बाहर निकल जाएगा. स्थायी निदान की भी व्यवस्था हो रही है. वहीं, नगर आयुक्त सुमित कुमार ने कहा कि सफाई पहले से चल रही थी. अप्रत्याशित बारिश हुई है ऐसे में थोड़ी सी परेशानी हुई है, लेकिन सभी एग्जिट प्वाइंट को खोल दिया गया है. अब काफी हद तक परेशानी कम हो जायेगी. स्थाई व्यवस्था भी की जा रही है. सुमित कुमार, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम
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