बोर्ड से आये प्रश्नपत्रों के सैकड़ों बंडल को रखवा दिया छत पर, बारिश में भींगे पेपर
शिक्षा विभाग परीक्षा जैसे गंभीर मामलों को कितने हल्के में लेता है व छात्रों के भविष्य से कैसे खेलता हैं और सरकार के लाखों रुपये की बर्बादी कैसे करता है यह जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय परिसर में गुरुवार को देखने को मिला.
छपरा
. शिक्षा विभाग परीक्षा जैसे गंभीर मामलों को कितने हल्के में लेता है व छात्रों के भविष्य से कैसे खेलता हैं और सरकार के लाखों रुपये की बर्बादी कैसे करता है यह जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय परिसर में गुरुवार को देखने को मिला. बिहार बोर्ड से फर्स्ट टर्मिनल एग्जाम के लिए आए हजारों बंडल प्रश्न पत्र को स्कूल के छत पर रखवा दिया. गुरुवार को बारिश हुई और प्रश्न पत्र के सभी बंडल भींग गये. विभाग के साथ-साथ हेड मास्टरों की भी परेशानी बढ़ गयी है क्योंकि आज से ही सारण के सभी हाइ और प्लस टू स्कूलों में परीक्षा होनी है.356 स्कूलों में आज से परीक्षा
आज से सारण के सभी 20 प्रखंडों के 318 पंचायत के 356 हाइ और प्लस टू स्कूलों में फर्स्ट टर्मिनल की परीक्षा होनी है. बिहार बोर्ड ने हर स्कूल के निर्धारित कोड के अनुसार प्रश्न पत्रों की आपूर्ति की है. सारण में जब यह प्रश्न पत्र आया तो इसे नव स्थापित जिला स्कूल के खुले छत पर रखवा दिया गया. यानी इसकी महता को नहीं आंकी गयी. इसे हल्के में लिया गया. बच्चों के भविष्य को दाव पर लगा दिया गया.इतनी बड़ी गलती के लिए जिम्मेदार कौन
प्रश्न पत्रों को छत पर रखवाने का आदेश किसने दिया. इतनी बड़ी लापरवाही किसकी चूक से हुई. प्रश्न पत्र फर्स्ट टर्मिनल का ही था, लेकिन जिस तरह से रख रखाव हुआ था. वह आसानी से छात्रों के हाथ लग गये होंगे. ऐसे में इन तमाम गड़बड़ियों के लिए क्या कार्रवाई होती है यह तो आने वाले समय में क्लियर हो जायेगा. जानकारी हो कि इसके पहले 2010 में समग्र शिक्षा अभियान में टेक्स्ट बुक की किताबों को गौशाला में रख दिया गया था. सभी किताबें गोबर में सन गई थी और सड़ गई थी, तब बिहार सरकार ने कार्यालय के सभी कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए ट्रांसफर कर दिया था और कई को सस्पेंड कर दिया था.पहले दिन हिंदी और संस्कृत की परीक्षा
कुछ स्कूलों के छात्रों से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि 23 अगस्त से परीक्षा है और पहले दिन हिंदी और संस्कृत की परीक्षा है. परीक्षा को लेकर स्कूली छात्र तैयार हैं, लेकिन प्रश्न पत्रों के साथ जो दुर्गति हुई है वह क्या बच्चों के हाथ में पहुंच पायेंगे. समय पर परीक्षा हो पायेगी और इन सबके लिए जिम्मेदार कौन है. बारिश में भीगी प्रश्न पत्र बंडल में स्कूल का कोड और नाम तक मिट गया था. कई बंडल तो पूरी तरह से गल गये थे. हेडमास्टर इन्ही में अपने स्कूल का प्रश्न पत्र बंडल खोजते नजर आये. नाम नहीं छापने के शर्त पर एक हेड मास्टर ने बताया कि शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से प्रश्न पत्रों की दुर्गति हुई है.क्या कहते हैं अधिकारी
ऐसी कोई बात नहीं हुई है. प्रश्न पत्र नहीं भीगी है. सब कुछ सुरक्षित है, लेकिन यदि कोई शिकायत मिलती है तो निश्चित तौर पर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी.विद्यानंद ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारणB
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