Chhapra News : जिले में 20 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा तीन मंजिला अत्याधुनिक बस स्टैंड
Chhapra News : एक बस स्टैंड के लिए तरस रहे प्रमंडलीय मुख्यालय छपरा को जल्द ही तीन मंजिला बस स्टैंड का सौगात मिलेगा. इसे 2025 के गिफ्ट के रूप में देखा जा रहा.
छपरा. एक बस स्टैंड के लिए तरस रहे प्रमंडलीय मुख्यालय छपरा को जल्द ही तीन मंजिला बस स्टैंड का सौगात मिलेगा. इसे 2025 के गिफ्ट के रूप में देखा जा रहा. यह सौगात कोई और नहीं जिला परिषद की ओर से मिलेगा. बस स्टैंड निर्माण की डीपीआर तैयार हो चुकी है अब तकनीकी स्वीकृति के लिए जिला अभियंता के हस्ताक्षर का इंतजार है.
19.99 करोड रुपये होंगे खर्च
बस स्टैंड जी प्लस 3 होगा यानी तीन मंजिला होगा. तीनों तल तीन प्रकार के बसों के लिए बुक होगा. अंतरराज्ययीय, राज्यिय और लोकल बसों के लिए तैयार हो रहे हैं. इस बस स्टैंड में बसों को चढ़ने के लिए रैंप के अलावा कैफेटेरिया, शानदार पार्किंग, पुरुष और महिलाओं के लिए शौचालय, टिकट काउंटर समेत अन्य बुनियादी और आधुनिक सुविधाएं होगी. बस स्टैंड के निर्माण में करीब 20 करोड रुपए खर्च होंगे. अधिकारियों के अनुसार 19 करोड़ 99 लख रुपये का प्रोजेक्ट तैयार है केवल तकनीकी स्वीकृति का इंतजार है. जिला परिषद के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार केवल तकनीकी स्वीकृति के लिए जिला अभियंता के आगमन या प्रभार का इंतजार है. 2024 में ही स्वीकृत की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और 2025 के फरवरी से बस स्टैंड निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. 2025 के अंत तक तैयार भी हो जाएगा. बस स्टैंड तैयार हो जाएगा तो प्रमंडल के तीनों जिलों के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा.
एक बस स्टैंड के लिए प्रमंडलवासी को था इंतजार
प्रमंडलीय मुख्यालय के लोग एक अदद बस स्टैंड के लिए इंतजार का रहे थे. जिससे यात्रा से संबंधित आम लोगों की परेशानी दूर हो सके और शहर की सड़क बस संचालकों की मनमानी से मुक्त हो सके. इतना ही नहीं शहर के सभी प्रमुख सड़कों पर बस संचालकों के कब्जा को देखा जा सकता है. सुबह से लेकर शाम के 7:00 बजे तक सभी प्रमुख सड़के जाम से कराह रही होती है. अब बस स्टैंड निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और लोगों की यह समस्याएं दूर होती नजर आ रही है.लोगों की परेशानी उन्हीं की जुबानी
प्रमंडलीय मुख्यालय में बस स्टैंड नहीं होने का दंश झेल रहे लोगों का कहना है कि बस स्टैंड नहीं होने से किसी भी जगह जाने के लिए सोचना पड़ता है कि कहां से किस जगह के लिए बस पकड़ा जाए क्योंकि यह तय नहीं है की पटना की बस कहां से मिलेगी और बेतिया की बस कहां से मिलेगी? अगर देश के कोने-कोने में जाने की बात की जाए तो यह संभव नहीं हो रहा था क्योंकि सारण में बस स्टैंड सुविधा बहाल नहीं हो पाई थी. लोगों की दूसरी परेशानी यह है कि बस संचालक पूरे शहर के मुख्य रोड को सुबह से शाम तक कब्जा किए रहते हैं ऐसे में सड़क पर जाम और अतिक्रमण की समस्या बरकरार रहती है.क्या कहते हैं अभियंता
डीपीआर बन चुका है. तकनीकी स्वीकृति के लिए जिला अभियंता के हस्ताक्षर का इंतजार है, जैसे ही तकनीकी स्वीकृति मिलेगी टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, फरवरी से काम लग जाएगा.
डी एन दत्ता, प्रभारी जिला अभियंता, जिला परिषद, सारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है