Chhapra News : शहर के रिहायशी मुहल्ले अब हो रहे कमर्शियल, सुरक्षा के इंतजाम नदारद

Chhapra News : शहर के कई रिहायशी मुहल्लों में अब तेजी से कमर्शियल भवन बन रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 16, 2025 9:39 PM

छपरा. शहर के कई रिहायशी मुहल्लों में अब तेजी से कमर्शियल भवन बन रहा है. पुराने घरों को तोड़कर नये सिरे से उसकी रीमॉडलिंग करायी जा रही है और इन मकानों में कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है. वहीं शहर के कई पुरानी बसावट वाले ऐसे मुहल्ले जहां संकरी गलियों में मकान बने हैं. वहां भी अब उन मकानों का नक्शा बदलकर उसे तीन से चार मंजिला इमारत के रूप में तैयार किया जा रहा है. इन इमारतों में कोचिंग, मार्ट, कार्यालय, क्लीनिक व स्कूल खोले जा रहे हैं. हालांकि संकरी गलियों में ऊंची इमारतों को बनाने के दौरान किसी भी मानक का पालन नहीं हो रहा है. ना तो इन मकानों में इमरजेंसी के समय निकासी के लिए कोई गेट बनाया जाता है और ना ही पार्किंग व फायर सेफ्टी के भी इंतजाम रखे जा रहे हैं. ऐसे मकानों में यदि कोई भी हादसा होता है. तो स्थिति को नियंत्रित करना काफी मुश्किल साबित होगा.

संकरी गलियों में बना कमर्शियल भवन

शहर के साहेबगंज, सरकारी बाजार, दहियावां, नारायण चौक, गुदड़ी, दौलतगंज, मोहन नगर, सलेमपुर, रतनपुरा, सरकारी बाजार, पुरानी गुड़हट्टी आदि मुहल्लों में चार से पांच फुट चौड़ी गलियों में भी ऊंची-ऊंची इमारतें तैयार कर दी गयी हैं. इन इमारतों में या तो लोग किराया देकर रहते हैं या उसमें ऑफिस या कार्यालय का संचालन होता है. शहर के सरकारी बाजार में दर्जनों ऐसी गलियां हैं. जिसमें बनी अधिकतर इमारतों में दुकान व गोदाम चलते हैं. लोगों ने अतिक्रमण कर इन गलियों के आधे से अधिक हिस्से पर कब्जा जमा लिया है.

बड़े वाहनों का प्रवेश है मुश्किल

कई मकानों का एक फ्लोर बनाने के बाद उसमें भी आगे बढ़कर तीन से चार फुट तक आर्च निकाल दिया गया है. जिससे गली में कोई भी बड़े वाहन का प्रवेश नहीं हो सकता है. विषम परिस्थिति में या किसी भी भवन में आग लगने के दौरान यहां तक अग्निशमन की वाहन भी नहीं पहुंच सकती. वहीं नगर निगम के सफाई कर्मियों को भी छोटी वाहनों को ले जाकर सफाई करने में परेशानी होती है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए भी नगर निगम की गाड़ियां इन गलियों में नहीं जा पाती.

ये है मानक, घर के आगे छोड़नी है दो फुट जगह

इस संदर्भ में नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि जहां भी गली-मुहल्लों में मकान बन रहे हैं. वहां घर के आगे कम से कम दो फुट जगह नाला निर्माण के लिए छोड़ देनी है. वहीं घर के चारों ओर भी कम से कम एक फुट जमीन छोड़ी देनी चाहिये. जिससे वेंटीलेशन आसानी से हो सके. मकान बनाते समय पहले फ्लोर का आर्च भी नाली के लिए छोड़ी गयी जमीन से आगे नहीं होना चाहिये. नगर निगम समय-समय पर कार्यवाई कर आगे. तक निकले आर्च वह नाले पर बने घर के सीढ़ियों को तोड़ती है. जुर्माना भी वसूला जाता है. जिन गलियों में मकानों को तोड़ कर उसमें कमर्शियल भवन बनाये जा रहे हैं. उसे जी-फोर मानक के अनुसार बनाना चाहिये तथा पार्किंग व इमरजेंसी एग्जिट की व्यवस्था भी होनी चाहिये. फायर सेफ्टी के अंतर्गत हौज रील भी लगाना चाहिये.

क्या है नगर निगम की तैयारी

नगर निगम जल्द ही इसके लिए एक अभियान शुरू करने वाला है. नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडेय ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जहां भी मानकों को नजरंदाज कर भवनों का कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है. उस जगह को चिन्हित किया जाये. जिन लोगों ने गली मुहल्ले में मकान का छज्जा बाहर तक निकाल लिया है. उन्हें भी चिन्हित कर कार्रवाई होगी. गत वर्ष भी नगर निगम द्वारा एक अभियान चलाया गया था. वहीं अग्निशमन विभाग द्वारा भी समय-समय पर कमर्शियल भवनों में जाकर फायर सेफ्टी के इंतजामों का निरीक्षण किया जाता है.

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