बनियापुर के सरेया में गंडक नदी पर बना पुल ध्वस्त, दर्जनों गावों का संपर्क टूटा

प्रखंड के सरेया पंचायत अंतर्गत सरेया गांव की सीमा पर स्थित गंडकी नदी पर बना पुल गुरुवार की अहले सुबह ध्वस्त हो गया. जिसके साथ ही सरेया-सतुआ पंचायत सहित दर्जनों गांवों का संपर्क एक दूसरे से टूट गया.

By Prabhat Khabar Print | July 4, 2024 9:35 PM

बनियापुर. प्रखंड के सरेया पंचायत अंतर्गत सरेया गांव की सीमा पर स्थित गंडकी नदी पर बना पुल गुरुवार की अहले सुबह ध्वस्त हो गया. जिसके साथ ही सरेया-सतुआ पंचायत सहित दर्जनों गांवों का संपर्क एक दूसरे से टूट गया. पुल धंसने की जानकारी मिलने के बाद डीएम अमन समीर, एसडीओ संजय कुमार राय, सीओ दीनानाथ कुमार, बीडीओ कर्पूरी ठाकुर, थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार भी दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच जांच में जुट गये. इस दौरान पुल की बैरिकेडिंग भी कर दी गयी. इधर पुल धंसने की सूचना आस-पास के इलाके में तेजी से फैल गयी. देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण भी घटना स्थल पर एकत्रित हो गये. गनीमत रही कि सुबह का समय होने के कारण कोई व्यक्ति अथवा गाड़ी पुल से नहीं गुजर रहा था. हालांकि पुल धंसने के दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नही है. ग्रामीणों की माने तो काफी प्रयास के बाद पांच वर्ष पूर्व मनरेगा योजना से यह पुल बना था. जो सीधे तौर पर सरेया और सतुआ पंचायत सहित दर्जनों गांवों को जोड़ता था. जिससे आसपास के गांव के लोगों को काफी सहूलियत होती थी. मगर पुल के धस जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. प्रथम दृष्टया पुल धसने का प्रमुख कारण नदी की बेतरतीब ढंग से उड़ाही व निर्माण कार्य में अनियमितता बतायी जाती है. पुल के धसने से विद्यालय जाने से लेकर व्यापर तक में हुई परेशानी स्थानीय लोगों की माने तो यह पुल सरेया, सतुआ, चांदपुर, इमामगंज, पकवाइनार,लौवा समेत एक दर्जन से अधिक गांवों को सीधे तौर पर जोड़ता है. इस रास्ते से बच्चे स्कूल-कोचिंग तक आसानी से पहुंच जाते थे. वहीं व्यपारिक दृष्टिकोण से भी पुल काफी महत्वपूर्ण था. इसी पुल के माध्यम से अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिये ज्यादातर लोग सतुआ बाजार पहुचते थे. साथ ही सतुआ के लोग भी इसी रास्ते से व्यपार के सिलसिले में प्रतिदिन आधा दर्जन से अधिक गांव में आते-जाते है. बच्चे भी पठन-पाठन के लिये इस पुल से महज कुछ ही समय में अपने गंतब्य तक पुहंच जाते थे. अब जबकि पुल पर आवागमन पूर्णतः बाधित हो गया है. ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. अपने गंतव्य तक जाने में स्थानीय लोगों को 05-10 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है. जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है. नहीं थम रहा पुल गिरने का सिलसिला गत बुधवार को भी घटना स्थल से आठ-दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित लहलादपुर प्रखंड अंतर्गत ढोढ़नाथ मंदिर के समीप गंडकी नदी पर बना पुल जमींदोज हो गया था. वही लहलादपुर के ही सारण गांव के समीप भी एक पुल धंस गया था. ऐसे में दो दिनों के अंदर तीन पुल-पुलिया ध्वस्त होने से पुल निर्माण की गुणवत्ता पर प्रश्न उठने लगे है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुल निर्माण में अनियमितता बरती गयी है. गुणवत्तापूर्ण कार्य नही कराये जाने से महज कुछ ही वर्षो में ताबड़तोड़ पुल गिरने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. जबकि कुछ लोगों का मानना है कि एक माह पूर्व नदी की सफाई के लिये पोकलेन और जेसीबी को लगाया गया था. इस दौरान पुल के पीलर के समीप और अन्य हिस्सों में बेतरतीब ढंग से मिट्टी की कटाई की गयी है. जिस वजह से नदी में पानी छोड़े जाने के दौरान पानी के दबाव की वजह से पुल ध्वस्त हो रहे है. क्या कहते है डीएम बनियापुर प्रखंड के सरेया पंचायत में गंडकी नदी पर बने पुलिया के क्षतिग्रस्त होने की सूचना के बाद वहां जाकर घटना स्थल का निरीक्षण किया. साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी व कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण प्रमंडल को संयुक्त रूप से जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही गंडकी नदी पर बने सभी पुल-पुलियाओं की वर्तमान स्थिति की जांच करने का निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिया गया. अमन समीर, डीएम, सारण

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version