दिन भर बदलता रहा वोटों का ग्राफ, पर अंत तक बढ़त बनाये रहे रूडी
सारण संसदीय क्षेत्र की काउंटिंग रोमांचक रही. हैट्रिक लगाने को बेताब पूर्व केंद्रीय मंत्री व निवर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी आचार्य ने कड़ी टक्कर दी. सुबह में जैसे ही रुझान आने लगे मतों का अंतर दोनों प्रत्याशियों के बीच दो सौ से दो हजार के बीच ही रहा.
छपरा. देश के हॉट सीटों की सूची में शामिल सारण संसदीय क्षेत्र का चुनाव शुरू से ही रोमांचक रहा और काउंटिंग के दिन तो यह और भी रोमांचक हो गया. कारण साफ था. एक तरफ जहां तीसरी बार हैट्रिक लगाने के लिए बेताब पूर्व केंद्रीय मंत्री व निवर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी मैदान में थे, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी आचार्य श्री रूडी को कड़ी टक्कर देने के लिए चुनावी मैदान में लगी रही. मतगणना के दिन जैसे ही सुबह में रुझान आने शुरू हुए, तो रुझान का अंतर दोनों प्रत्याशियों के बीच दो सौ से दो हजार के बीच ही रहा. ऐसे में दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों की दिलों की धड़कन घटती-बढ़ती रही. कभी खुशी, तो कभी गम का माहौल देखने को मिल रहा था. हालांकि शुरू से अंत तक श्री रूडी रोहिणी आचार्य पर बढ़ते बनाये रहे. लेकिन, यह बढ़त इतनी कम थी कि रोहिणी के समर्थकों को यह लग रहा था कि हम उनका पीछा करते हुए आगे बढ़ जायेंगे और जीत हमारी ही होगी. कई बार तो अंतर दो सौ से पांच सौ के बीच आ गया था. ऐसे में लगा कि श्री रूडी पीछे हो जायेंगे. लेकिन, हुआ नहीं और उन्होंने अपनी बढ़त बनाये रखा. देर शाम तक जो परिणाम अघोषित रूप से सामने आया. वह श्री रूडी के लगभग 16 हजार मतों से विजय का रहा. सारण लोकसभा क्षेत्र का परिसीमन वर्ष 2009 में हुआ था, जिसके बाद से इसके स्वरूप में काफी परिवर्तन हुआ और तब प्रत्याशियों को पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ी. परिसीमन के बाद 2009 के चुनाव से छपरा लोकसभा सीट का अधिकांश हिस्सा सारण संसदीय क्षेत्र में शामिल हो गया और तब छपरा लोकसभा के नाम को विलोपित कर दिया गया. सारण से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राजीव प्रताप रूडी चार-चार बार सांसद रह चुके हैं. लेकिन जीत की हैट्रिक कांग्रेस के रामशेखर प्रसाद ही लगा पाये. इस बार भाजपा के प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी ने जीत की हैट्रिक लगाकर यह जता दिया है कि सारण के लोग आज भी आशीर्वाद देते हैं. राजीव प्रताप रूडी की जीत की मार्जिंग इतनी कम रही कि इसका असर दिन भर उनके समर्थकों के चेहरे पर देखने को मिला. समर्थक इस बात को लेकर सशंकित थे कि पता नहीं कब मामला पलट जाये और जीत का माला रोहिणी आचार्य के गले में चली जाये. इसलिए हर राउंड के परिणाम को जानने के लिए उनके समर्थक अपने कैंप को छोड़ कर मीडिया कैंप या फिर मतगणना एजेंट से संपर्क बनाने में जुटे रहे.
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