Chapra News : डीइओ ने कार्य में लापरवाही को लेकर प्रधानाध्यापिका व लिपिक को किया सस्पेंड

Chapra News : अलग-अलग हाइस्कूलों प्रधानाध्यापिका और एक लिपिक पर डीइओ ने की कार्रवाई

By Prabhat Khabar News Desk | January 30, 2025 10:04 PM

छपरा. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा के अनुशंसा पर दो अलग-अलग हाइस्कूलों के एक हेड मास्टर और एक लिपिक को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सस्पेंड कर दिया है. इस कार्रवाई के बाद पूरे जिले के शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है. प्रभारी प्रधानाध्यापिका, उच्च माध्यमिक विद्यालय, बजहियां, दरियापुर मुन्नी कुमारी को सरकारी कार्य में लापरवाही और अपने दयित्वों का निर्वहन उचित ढंग से नहीं करने व स्वेच्छारिता के प्रथम दृष्टया प्रमाणित आरोपों के आधार पर निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के अधीन करने की अनुशंसा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा द्वारा की गयी थी. प्राप्त अनुशंसा के आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा प्रधानाध्यापिका से पत्रांक 171 दिनांक 23 जनवरी को स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी. आरोपित शिक्षिका ने अपना बचाव अभिकथन कार्यालय को समर्पित नहीं की. इसके बाद मामले की समीक्षा जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा की गयी और पाया गया कि संबंधित प्रभारी प्रधानाध्यापिका द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा सनिति, पटना द्वारा आयोजित होने वाली इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2023-25 में सम्मिलित होने वाले नामांकित छात्र-छात्राओं, जिसमें विज्ञान संकाय में 39 व कला संकाय में दो परीक्षार्थी का ससमय पंजीयन व परीक्षा फार्म नहीं भरा गया है. इसी वजह से सरकारी कार्यों में लापरवाही बरतने, अपने दायित्वों का निर्वहन उचित ढंग से नहीं करने, विभागीय निर्देश के अनुरूप कार्य नहीं करने व स्वेच्छाचारिता के प्रथम दृष्टया प्रमाणित आरोपों के आधार पर निलंबित कर दिया गया है.

लिपिक ने भी की लापरवाही

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, माध्यमिक शिक्षा, सारण के अनुशंसा पर ही अनवारूल हक अंसारी, लिपिक, आरएन उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, परसागढ़, एकमा, को भी सस्पेंड किया गया है. लिपिक से स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी. आरोपित लिपिक द्वारा अपना बचाव अभिकथन कार्यालय को समर्पित नहीं किया गया. मामले की समीक्षा जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा की गयी और पाया गया कि आरोपित कर्मी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितता, सरकारी कार्यों के प्रति लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं उच्चाधिकारी के आदेश की अवेहलना का अरोप प्रमाणित होता है.

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