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Chhapra News : जांच टीम ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट, शहर में जलजमाव के लिए बुडको को बताया जिम्मेदार

Chhapra News : बुडको के खिलाफ गठित तीन सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट सामने आ गयी है. जिसमें उन्होंने कई अहम खुलासे किये हैं.

छपरा. बुडको के खिलाफ गठित तीन सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट सामने आ गयी है. जिसमें उन्होंने कई अहम खुलासे किये हैं. जांच कमेटी ने आठ जुलाई 2024 को बुडको के कार्यालय की जांच की थी और उनके द्वारा विभिन्न योजनाओं में बरती गई लापरवाही को लेकर भी रिपोर्ट तैयार की गयी थी. जांच कमेटी ने खनुआ नाला निर्माण में बरती गयी अनियमितता को लेकर बुडको एजेंसी के अधिकारियों और इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराया है और शहर में जलजमाव के लिए पूरी तरह से एजेंसी को ही दोषी माना है. बरसात या बाढ़ के समय यदि शहर डूबता है तो इसके लिए भी एजेंसी को ही दोषी ठहराया गया था. जांच कमेटी की रिपोर्ट छपरा शहर में आई बाढ़ के दौरान सच साबित हो गयी. बुडको की लापरवाही से पूरा शहर डूब गया था. गौरतलब हो कि छपरा नगर निगम क्षेत्र में खनूआ नाला और नमामि गंगे परियोजना के तहत किए गए कार्य में बरती गयी लापरवाही और उससे आम लोगों की हो रही परेशानी को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर ने नगर आयुक्त के नेतृत्व में तीन सदस्यों की जांच कमेटी का गठन किया था. साथ ही इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था.

क्या था इकरारनामा

खनूआ नाला के निर्माण के लिए जय माता दी रोड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ 22 अगस्त 2019 को एकरनामा किया गया था. इसमें 1085 मी नाला निर्माण कार्य के लिए मूल प्रशासनिक स्वीकृति की राशि 29.95 करोड़ रुपए थी. विभागीय संकल्प संख्या 90 के तहत 27 फरवरी 2019 को राशि भी आवंटित कर दी गयी थी. टेंडर की प्रक्रिया के बाद कार्य समाप्ति की तिथि 21 फरवरी 2021 तक निर्धारित थी, लेकिन इसमें 31 मार्च 2022 तक अवधि विस्तार लिया गया. प्रथम चरण के 1085 मीटर वाले निर्माण भाग को वर्तमान में लगभग पूर्ण किया जा रहा है. यानी कार्य शुरू होने के साथ योजना में मनमानी शुरू कर दी गयी थी.

करोड़ों खर्च पर कोई लाभ नहीं

जांच कमेटी ने कहा है कि पूर्व से अब तक किए कार्य में केवल संरचना का निर्माण किया गया है. किसी भी कार्य को पूरा नहीं किया गया है. निर्माण से नगर क्षेत्र में जल निकासी की समस्या हल नहीं हुई है और ना ही कोई प्रभाव पड़ा है. बल्कि स्थिति और बदतर हो चुकी है. यहां यह भी बताना जरूरी है कि 1085 मी नाला का निर्माण एजेंसी के द्वारा एक लगातार नहीं किया गया है. इसे छोटे-छोटे खंड में किया गया है जहां ज्यादा समस्या थी उसे जानबूझकर विचलन दिखाते हुए अगले 665 मीटर वाले खंड में जोड़कर स्वीकृति ले लिया गया है. जो अनियमितता दर्शाता है. 665 मी नाला निर्माण कार्य के लिए पूर्ण करने के लिए अगस्त 2025 तक का समय निर्धारित की गई है. वर्तमान में 665 मी का कार्य किया जा रहा है. इस संपूर्ण निर्माण कार्य के लिए कुल समय 22 अगस्त 2019 से 10 अगस्त 2025 का समय दिया गया है. इस लापरवाह कार्यशैली के लिए बुडको के अधिकारियों को जिम्मेदार माना जा सकता है.

क्या कहा है जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में

जांच कमेटी ने अपने रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि बुडको द्वारा क्रियान्वित योजना के कारण समुचित शहर में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो रही है. जिस उद्देश्य से यह सीवरेज की योजना नमामि गंगे के तहत व बुडको की तहत क्रियान्वयन करने की योजना ली गई थी उसमें बुडको के परियोजना निदेशक या उप परियोजना निदेशक व उसके द्वारा चयनित एजेंसी पूर्ण रूप से असफल है. शहर की जलजमाव की स्थिति इस योजना को लेने के बाद और खराब हो गयी है क्योंकि एजेंसी बिल्कुल भी निर्धारित समय का अनुपालन न करते हुए काम कर रहे हैं. पिछले पांच साल से एक योजना में लगे रहना, एक ही योजना को बार-बार विचलन कर स्वीकृत करना व उसी के बदौलत समय को काटना. बुडको सारण के परियोजना निदेशक और उपपरियोजना निदेशक व संबंधित एजेंसी जय माता दी रोड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के कदाचारिता, लापरवाही व स्वच्छ चरित्र ना होने को दर्शाता है. उपरोक्त उल्लंघनों के विषय में डीएम स्तर से आगे की कार्रवाई की जा सकती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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