छपरा. दशहरा बीतने के साथ ही लोग दीपावली की तैयारी में जुट गये हैं. इसी माह के अंत में प्रकाश पर्व दीपावली है. नवंबर के पहले हफ्ते में बिहार का सबसे बड़ा लोक आस्था का महापर्व छठ भी है. खरीदारी का पर्व दीपावली माह के अंतिम दिन 31 अक्टूबर को है. इसका असर बाजार पर दिखने लगा है. साग-सब्जी और दाल सहित अन्य खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमत के बीच सोना-चांदी की कीमत में वृद्धि से सर्राफा बाजार की चमक फीकी रह सकती है. बावजूद 450 करोड़ से अधिक का व्यवसाय दीपावली और छठ में होने का अनुमान है.
वेतन पर निर्भर रहेगा बाजार
दीपावली के पहले वेतन मिल जाने पर बाजार बढ़िया रहेगा. चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी पवन कुमार अग्रवाल ने बताया कि उम्मीद है दीपावली और धनतेरस के पहले सरकारी कर्मियों को वेतन मिल जायेगा. निजी कर्मियों को वेतन नहीं मिला तो एडवांस लेकर काम चलाएंगे. इसके अलावा फाइसेंस की सुविधा भी है. लेकिन, माह के अंतिम में धनतेरस और दीपावली का असर बाजार पर भी दिखेगा ही. वेतन का असर भी खरीदारी पर खूब दिखता है.आभूषणों की भाग रही कीमत का भी असर रहेगा
स्वर्णकार राजू कुमार सोनी ने बताया कि पिछले हफ्ते सोना का भाव चार हजार बढ़कर 78500 (10 ग्राम) हो गया है. एक-दो दिन में चांदी की कीमत तीन हजार बढ़कर 92000 हो गयी है. कीमत का बढ़ना धनतेरस तक जारी रह सकता है. माह के अंत में त्योहार होने का असर तो रहेगा. फिर भी बाजार ठीक रहने का अनुमान है. लोग खरीदारी करेंगे.वाहन बाजार भी गरम, खूब हो रही है बुकिंग
धनतेरस के दिन बाइक्स और अन्य गाड़ियों की बिक्री खूब होती है. होंडा और हीरो एजेंसी समेत और एजेंसियों ने बुकिंग शुरू कर दी है. लोग अपने चॉइस कलर के अनुसार गाड़ियों की बुकिंग कर रहे हैं. तीन पहिया और चार पहिया वाहन के खरीदार भी धनतेरस का ही इंतजार देख रहे हैं और ईनकी भी बुकिंग हो रही है. थोक किराना मंडी साहिबगंज और सरकारी बाजार में भी बाजार के उतार-चढ़ाव का असर दिख रहा है. थोक व्यवसायि सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि अभी भी बाजार मंदा है. माह के अंत में पर्व होने से खरीदारी करने की शक्ति घट जाती है. थोक व खुदरा बर्तन के व्यवसायी कृष्ण गुप्ता ने बताया कि दीपावली और छठ में अच्छा व्यवसाय होने का अनुमान है.
केवल धनतेरस पर ढाई सौ करोड़ का बाजार
धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को है. इस दिन को लोग शॉपिंग से जोड़कर देखते हैं. पांच दिनों के महापर्व में सबसे अधिक शॉपिंग इसी दिन होती है. विभिन्न व्यापारिक संगठनों का अनुमान है कि इस बार केवल धनतेरस पर 250 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है. पिछले साल धनतेरस पर 200 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था. इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी इलेक्ट्रानिक अप्लाइंसेस, वाहन और जूलरी की रहेगी. इसके बाद बर्तनों का स्थान आता है. चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अधिकारी पवन कुमार अग्रवाल के अनुसार ने इस बार केवल धनतेरस और दिवाली पर 250 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है. पिछले साल 200 करोड़ का कारोबार हुआ था.ज्वेलरी दुकानदार भी सजा रहे दुकान
धनतेरस पर करीब 100 करोड़ की हिस्सेदारी जूलरी सेगमेंट की होगी. जूलरी में चांदी के सिक्के, सोने के सिक्के, चांदी के बर्तन, इस साल होने वाली शादियों के लिए जूलरी सेट, कंगन, मंगलसूत्र, ब्रेसलेट, हीरे की अंगूठी आदि की डिमांड ज्यादा होगी. दुकानदारों का कहना है कि धनतेरस पर बाजार काफी अच्छा रहने की उम्मीद है. व्यापारियों के अनुसार बाजार में ग्राहक अभी से निकल रहे हैं. काफी लोगों ने अपने आइटम बुक करवा दिए हैं और वह डिलिवरी धनतेरस वाले दिन मांग रहे हैं. एलईडी, स्मार्ट टीवी, फोन, वॉशिंग मशीन, एयर प्यूरीफायर, लैपटॉप, एसी, स्मार्ट वॉच आदि की सबसे अधिक डिमांड है.बर्तन बाजार सबसे आगे तैयार
धनतेरस पर बर्तन का बाजार सबसे बड़ा होता है. अकेले बर्तन का कारोबार 50 करोड़ के लगभग होने का अनुमान है. व्यापारियों के अनुसार लोग 25 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक के बर्तन लेते हैं. दुकानदार अमित कुमार ने बताया कि इस बार 500 से लेकर दस हजार रुपये तक की मूर्तियां भी बाजार में उपलब्ध है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है