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Chhapra News : आवेदन की रफ्तार धीमी, टेंशन में रैयत

chhapra news : सारण में भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है. शिविर आयोजन की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है. अब जमीन मालिकों से कागजात जमा कराए जा रहे हैं. हालांकि कागजात जमा करने की जो गति है वह काफी धीमी है.

छपरा. सारण में भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है. शिविर आयोजन की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है. अब जमीन मालिकों से कागजात जमा कराए जा रहे हैं. हालांकि कागजात जमा करने की जो गति है वह काफी धीमी है. ऐसे में बंदोबस्त कार्यालय सभी राजस्व ग्रामों में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार के लिए अंचलाधिकारियों पर दबाव दे रहा है. अधिकारियों की माने तो 10 दिन के अंदर यह कार्य गति पकड़ लेगी. साइबर कैफे वालों की हो रही है खूब कमाई : जमीन संबंधित कागजातों में सुधार कराने के लिए के साइबर कैफे में किसानों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को 360 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है, जिसके तहत किसानों को स्वप्रमाणित वंशावली, खाता, प्लॉट, रकबा, और आसपास के किसानों के नाम की जानकारी देनी है. इन तमाम का कागजातों को इकट्ठा करने के लिए कई तरह के झंझावातों से गुजरना पड़ रहा है.

खतियान के लिए 25 हजार से अधिक आवेदन

इधर जमीन मालिक अपने जमीन की हक को क्लियर करने के लिए रिकॉर्ड रूम से खतियान निकालने के प्रयास में जुटे हुए हैं अभी तक लगभग 25 हजार आवेदन आ चुके हैं. बीते दिनों अधिकारियों ने बताया था कि हर दिन एक हजार से 15 सौ के लगभग आवेदन गिर रहे थे. 15 अगस्त के बाद से खतियान संबंधित आवेदन आने की स्पीड बढ़ी थी 31 अगस्त तक यह स्पीड जारी रही, अब संख्या में कमी आई है यह संख्या पांच सौ से आठ सौ के आसपास है. खतियान लेने के लिए आवेदकों को एक फॉर्म भरना होता है, इसमें अपने जमीन संबंधित जानकारी देनी होती है और उसके आधार पर रिकॉर्ड रूम में मौजूद कागजात या डिटेल रिपोर्ट दी जाती है.

कहां हो रही है परेशानी

अंचलों के शिविर कार्यालय में रैयतों से कागजात फॉर्म 2 और 3 में जमा कराए जा रहे हैं. जमाबंदी में सुधार कराने के लिए सभी अंचल में खोले गए वसुधा केंद्रों पर भीड़ उमड़ रही है. जहां जमाबंदी सुधार के लिए आवेदन लिया जा रहा है. लेकिन लोगों का काम समय पर नहीं हो रहा है इसलिए टेंशन बढ़ गई है.

अपडेट करने में हो रही परेशानी

सबसे बड़ी बात है कि जमाबंदी को डिजिटलाइज्ड करने के बावजूद कई खाता, खेसरा, और रकबा ऑनलाइन अपडेट नहीं हो पा रहे हैं. इसके कारण किसानों को रसीद नहीं मिल रही है और सर्वे प्रक्रिया में देरी हो रही है. प्रशासन की ओर से रैयतों को बताया जा रहा है कि वे “परिमार्जन प्लस” एप के माध्यम से त्रुटियों को सुधार सकते हैं. लेकिन सवाल यह है कि इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाएगी और तब तक भूमि सर्वेक्षण की अन्य प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी इसी बात को लेकर टेंशन है.

जमीन सर्वेक्षण की अब तक की स्थिति

बंदोबस्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक लगभग 12 हजार जमीन मालिकों ने जमीन के कागजात जमा कराए हैं. 10 दिन में यह संख्या 25 हजार से अधिक तक पहुंच सकती है क्योंकि प्रचार प्रसार का कार्य तेजी से चल रहा है और कागजात जुटाने की जो प्रक्रिया है, वह अंतिम दौर में है, ऐसे में जैसे ही लोगों के पास सभी कागजात उपलब्ध हो जाएंगे तो उन्हें केवल जमा करना रह जाएगा. शुक्रवार को ऑनलाइन-ऑफलाइन 10 हजार के लगभग कागजात जमा हुए थे. रविवार तक ये संख्या 12 हजार के लगभग होने की बताई जा रही है.

क्या कहते हैं अधिकारी

कागजात जमा करने की गति में इजाफा हुआ है अभी तक 10 से 12000 रैयत अपनी कागजात जमा कर चुके हैं. आने वाले दिनों में इसमें गति आएगी. प्रचार प्रसार किया जा रहा है. संजय कुमार, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी

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