छपरा. काउंसेलिंग कराये 7359 शिक्षकों में से 654 शिक्षकों के कागजात संदेहास्पद पाये गये हैं. ऐसे में इनकी नौकरी पर तलवार लटकती दिख रही है. राज्य मुख्यालय ने काउंसेलिंग से संबंधित जो डाटा जारी किया है, उसमें चौंकाने वाले कई तथ्य हैं. आनेवाले समय में फर्जी शिक्षकों के लिए यह परेशानी का सब बन सकता है. सारण में एक अगस्त से 13 सितंबर तक हुई काउंसेलिंग में 7359 में से 6731 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. इस दौरान 628 शिक्षकों की काउंसेलिंग नहीं हो पायी और इतना ही शिक्षक अनुपस्थित रहे. विभागीय सूत्रों के अनुसार 7359 शिक्षकों की काउंसेलिंग करने का लक्ष्य था जिसमें 7226 शिक्षक मार्ग प्रेजेंट हुए, 6731 शिक्षकों की काउंसेलिंग हुई, 3453 शिक्षक के सभी प्रमाण पत्र दुरुस्त पाये गये, वहीं 3278 शिक्षकों के प्रमाण पत्र विभिन्न प्रकार के त्रुटि वाले पाये गये. एक फर्जी शिक्षक भी है. 176 ऐसे शिक्षक मिले जिन्होंने अपना ओरिजिनल कागजात जमा नहीं किया और 654 शिक्षक पूरी तरह से संदेह के दायरे में है.
पहले भी सुधार का दिया गया था मौका
इसके पहले भी राज्य मुख्यालय से शिक्षकों के बारे में एक पत्र क्या आया था, इसके बाद सारण के पूरे शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया था. यह उन शिक्षकों की संख्या थी जिन्होंने इ-शिक्षा पोर्टल पर अपने बारे में जानकारी दी है, लेकिन इनका नेचर ऑफ अपॉइंटमेंट और टाइप ऑफ टीचर का डाटा मैच नहीं कर रहा था. ऐसे में विभाग ने इन शिक्षकों के बारे में पूरी डिटेल मांगा था और साथ ही गड़बड़ियों को दुरुस्त करने का आदेश दिया था. एक मौका देते हुए कार्यक्रम जारी किया गया था, जिसमें शिविर के माध्यम से त्रुटि को सुधारने का आदेश दिया गया था. इस कार्यक्रम के अनुसार अमनौर, एकमां, गरखा, इसुआपुर, जलालपुर, बनियापुर, लहलादपुर , छपरा सदर, गरखा, दरियापुर के लिए शिविर 18 सितंबर को लगा था. इसी तरह मकर मांझी, मड़ावरा, मशरक, नगरा पानापुर, परसा, रिबेलगंज, सोनपुर और तरैया के लिए शिविर 19 सितंबर को शिविर लगा था.यूनिवर्सिटी से कराया जा रहा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हजारों शिक्षकों की काउंसेलिंग के दौरान भी कई शिक्षकों के दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली है. ऐसे में शिक्षा विभाग संबंधित विश्वविद्यालयों से इन शिक्षकों की शैक्षणिक रिकॉर्ड की जांच करवा रहा है. साथ ही, इन शिक्षकों द्वारा दिये गये अनुभव प्रमाण पत्रों की भी सत्यता की जांच की जा रही है.जांच में आये कई चौंकाने वाले तथ्य
शिक्षा विभाग द्वारा करायी गयी गहन जांच में पाया गया कि इनमें से अधिकतर शिक्षकों की मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र फर्जी हैं. इतना ही नहीं, कुछ शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने के दावे भी संदिग्ध पाये जा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है