Saran News : पक्ष व विपक्ष के पार्षदों के बीच जमकर हुई नोक-झोंक
करीब 10 महीने बाद जिला परिषद बोर्ड की सामान्य बैठक परिषद के सभागार में हुई. अध्यक्ष जयमित्रा देवी की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक शुरू से ही हंगामेदार रही. पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच कई बिंदुओं पर जमकर नोक-झोंक हुई.
छपरा. करीब 10 महीने बाद जिला परिषद बोर्ड की सामान्य बैठक परिषद के सभागार में हुई. अध्यक्ष जयमित्रा देवी की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक शुरू से ही हंगामेदार रही. पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच कई बिंदुओं पर जमकर नोक-झोंक हुई. कई बार तो स्थिति ऐसी बनी कि कहीं मामला बिगड़ ना जाये. ऐसी परिस्थितियों में उपविकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी यतेंद्र कुमार पाल को हस्तक्षेप करना पड़ा और पार्षदों को शांत कराया. दरअसल विपक्षी पार्षदों का कहना था कि जिला परिषद में पूर्व की योजनाओं की बंदरबांट की गयी है. सगे-संबंधियों को योजना दी गयी है. करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है. किसी बड़ी एजेंसी से इसकी जांच होनी चाहिए. अन्य कई बिंदुओं पर भी विपक्ष जांच की मांग कर रहा था.
इन बिंदुओं पर होनी थी चर्चा
बैठक शुरू होते ही सबसे पहले गत बैठक की संपुष्टि को लेकर चर्चा हुई और माहौल गर्म हो गया. इसके बाद जिला परिषद के अधिकारिता वाले सभी विभागों की समीक्षा शुरू हुई, यह काफी देर तक चली. षष्ठम राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 की वार्षिक कार्ययोजना का अनुमोदन और 15वें वित्त आयोग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्ययोजना के अनुमोदन पर भी चर्चा हुई और कई बिंदुओं पर पार्षद आपस में टकरा गये. मनरेगा अंतर्गत योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में भी लंबी चर्चा हुई. अन्यान्य के तहत भी कई बिंदु सामने आये जिनको नोट किया गया और कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया.
बैठक में पूरी तैयारी में आया था विपक्ष
सोमवार को जिला परिषद की सामान्य बैठक में तीन साल के अंदर पहली बार ऐसा हुआ कि जिसमें विपक्ष की भूमिका सशक्त दिखाई पड़ी. सदस्यों ने जोरदार तरीके से योजना संबंधित प्रस्ताव को पास होने नहीं दिया. कई बार उपविकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को सदस्य के आपस में उलझने के कारण शांत कराना पड़ा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है