22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

क्रॉसिंग बंद रहने से लग रहा जाम, लोग परेशान

जगदम कॉलेज रेलवे ढाला. आरओबी या अंडरपास ही लोगों को परेशानी से दिला सकता है निजात

छपरा (सदर). छपरा-सोनपुर रेल खंड पर अवस्थित 47 नंबर जगदम कॉलेज विशेष रेलवे गेट के ज्यादा देर बंद रहने से जहां हर रोज 70 से 75 हजार वाहन चालकों को आधे से एक घंटे तक भीषण गर्मी, ठंड या बारिश में भींगकर इंतजार करना पड़ता है. वहीं ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित होता है. जिससे एक ओर सड़क मार्ग से आने-जाने वाले लोगों को हर रोज परेशानी होती है. वहीं छपरा रेलवे जंक्शन से लेकर जगदम कॉलेज ढ़ाला के अलावें अन्य आधा दर्जन रेल ढ़ाला के नियंत्रण से जुड़े कर्मी भी शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशान रहते है. ट्रेनों के आने-जाने के कारण ज्यादा देर तक रेलवे ढ़ाला बंद रहने से नाराज यात्री जगदमा कॉलेज रेल ढ़ाला व अन्य रेलवे ढ़ाला के गेट मैन के साथ दुर्व्यवहार से बाज नहीं आते है. परंतु, न तो जिला प्रशासन, रेलवे प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों तथा राजनेताओं ने इस समस्या को लेकर सार्थक पहल की जरूरत समझी. जिससे हर रोज शहरवासी परेशान हो रहे है. इस विशेष गेट से हर रोज 70 से 75 जोड़ी गुजरती हैं गाड़ियां : गोरखपुर रेलवे जोन अंतर्गत आने वाले पूर्व मध्य रेलवे के सीमा पर अवस्थित छपरा जंक्श्न व ग्रामीण के बीच अवस्थित 41 से 47 तक सभी विशेष रेलवे गेट से होकर हर रोज 70 से 75 जोड़ी यात्री एवं माल गाड़ियां गुजरती है. स्थिति यह होती है कि इस दौरान एक बार में तीन से चार माल गाड़ियों को इस रेलवे गेट से पास कराने के लिए आधे घंटे से 40 मिनट तक रेलवे ढ़ाला बंद रहता है. उधर इस बीच हजारों की संख्या में दोपहिया से लेकर चार पहिया या उससे बड़े वाहन जगदम काऊलेज रेलवे ढ़ाला के दोनों तरफ खड़े हो जाते है. जब रेलवे ढ़ाला खुलता है तो वैसी स्थिति में इस ढ़ाला के उत्तर से सटे दो सड़क होने तथा दक्षीण भी दो सड़क होने के कारण पहले निकलने की आपाधापी के बीच 15 से 20 मिनट तक वाहन लगातार पास होते है. ऐसी स्थिति में रेलवे के परिचालन से जुड़े पदाधिकारी एवं कर्मी चाहकर भी दूसरी यात्री या मालगाड़ी को चलाने की बात तो दूर यदि चला भी देते है तो, इस रेलवे ढ़ाला पर वाहनों की भीड़ के कारण ट्रेनों को रेलवे ढ़ाला के दोनों तरफ रोकना पड़ता है. जिससे रेलवे को भी क्षति होती है. आरओबी या अंडर पास बनाना ही इस समस्या का निजात : आम जनों की कौन कहें रेलवे के स्थानीय पदाधिकारी व परिचालन से जुड़े कर्मियों का कहना है कि जगदम कॉलेज रेलवे ढ़ाला के पास या चिराई घर के सामने व छपरा जंक्शन के पूरब आरओबी या अंडर पास बनाकर ही इस जाम की समस्या से निजात पाया जा सकता है. विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक में इस रेलवे ढ़ाला के जाम होने वाली परेशानी का जिक्र करते हुए इन दोनों विकल्पों पर पहल करने का आग्रह किया गया है. यदि प्रशासन व स्थानीय राजनीतिज्ञ रेलवे के पदाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर आरओबी या अंडर पास इन दोनों स्थानों में से किसी एक जगह बनवाते है तथा ढ़ाला से सटे डीआरसीसी की ओर जाने वाले सड़क तथा दक्षिण राजेंद्र सरोवर से पूरब जाने वाली सड़क के चौड़ी करण करने तथा कुछ दूरी पर ले जाकर मुख्य मार्ग से मिलाने पर भी जाम की समस्या से निजात मिलेगी.

जनवरी 2024 के अंतिम सप्ताह में बना था विशेष गेट, तकनीकी खराबी होने पर परेशानी दोगुनी

47 नवंबर जगदम कॉलेज रेलवे ढ़ाला को वाहनों एवं यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए औटो मेटिक गेट लगाया गया. परंतु, कभी तकनीकी खराबी तो कभी विद्युत आपूर्ति अनियमित होने के कारण रेलवे ढ़ाला का संचालन मुश्किल हो जाता है. चार मई को सुबह 7.20 बजे अचानक इस रेलवे ढ़ाला में तकनीकी खराबी आने के बाद 7.45 तक रेलवे ढ़ाला के गेट को रेलकर्मी चाहकर भी बंद नहीं कर पाये. ऐसी स्थिति में मैनुअल तरीके से लोहे के छड़ का गेट लगाकर यातायात नियंत्रित करते हुए ट्रेन को चलाना पड़ा. यहीं नहीं इस दौरान यात्रियों की भी को नियंत्रित करने के लिए भले ही आरपीएफ या जिला प्रशासन द्वारा ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था इस रेलवे गेट पर की गयी है. परंतु वाहनों के परिचालन को नियमानुकुल कराने के बदले इन ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने में लगे कर्मियों की ज्यादा रूचि मोबाइल चलाने में होने के कारण ये कर्मी रेलवे ढ़ाला बंद होने या खुलने के दौरान ट्राफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के बदले आराम फरमाने को प्राथमिकता देते है.

बोले यातायात निरीक्षक

जगदम कॉलेज 47 नंबर रेलवे ढ़ाला के पास हर रोज लगने वाले जाम से यात्रियों की परेशानी के साथ-साथ रेलवे को भी परिचालन व्यवस्था बिना परेशानी के बनाये रखने में परेशानी हो रही है. रेलवे ढ़ाला पर या उसके पश्चिम पुराने चिराई घर के सामने आरओबी या अंडर पास के निर्माण के बाद ही इस समस्या में कमी आयेगी. हर रोज 70 से 75 जोड़ी यात्री एवं मालगाड़ियों का परिचालन होता है. जिससे स्वाभाविक रूप से सुरक्षा के मद्देनजर गेट को बंद करना समय-समय पर मजबूरी होती है.

धर्मेंद्र कुमार, यातायात निरीक्षण, छपरा जंक्शन

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें