नहरों में पानी नहीं उपजे है झाड़ झंकड़, सरकारी नलकूप भी है बंद

तरैया प्रखंड से होकर गुजरने वाली नहरें सुखी पड़ी हुई है. नहरों में झाड़-झंकड़ उपजे हुए है. प्रखंड के सरकारी नलकूप बंद पड़े हुए है. ऐसी स्थिति में किसान धान की खेती कैसे करेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2024 10:31 PM

तरैया. तरैया प्रखंड से होकर गुजरने वाली नहरें सुखी पड़ी हुई है. नहरों में झाड़-झंकड़ उपजे हुए है. प्रखंड के सरकारी नलकूप बंद पड़े हुए है. ऐसी स्थिति में किसान धान की खेती कैसे करेंगे. आसमान से भीषण गर्मी व लू उगलने से खेतों में धूल उड़ रहे है. इस परिस्थिति में किसान कैसे धान के बिचड़े खेतों में डालेंगे. किसान कभी सुखाड़ तो कभी बाढ़ की कहर से परेशान है. 18 जून तक मानसून का नहीं आना किसानों के लिए घातक साबित हो रहा है. 15 जून तक धान के बिचड़े डालने का काम समाप्त हो जाता है. लेकिन अभी तक किसानों के द्वारा धान के बिचड़े नहीं डाले गये है. सरकारी आंकड़े के अनुसार तरैया प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में 30 नलकूप है. लेकिन सभी नलकूप बेकार पड़े हुए. कोई नलकूप खेतों के प्यास बुझाने में सक्षम नहीं है. सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता विवेक कुमार ने बताया कि 30 राजकीय नलकूप है. जिसमें लघु सिंचाई विभाग के 13 नलकूप दिखाया जा रहा है. लेकिन रख-रखाव व नाला नहीं रहने के कारण किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है. नहरों में अगर समय से पानी मिलता तो किसान अबतक धान के बिचड़े डाल दिये रहते.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version