सोशल मीडिया पर उन्माद फैलाने के आरोप में दो गिरफ्तार

छपरा में लोकसभा चुनाव के बाद हिंसक झड़प व तनावपूर्ण स्थिति के बाद पुलिस सोशल मीडिया पर हिंसा व उन्माद फैलाने वालों पर कड़ी नजर है. इसी क्रम में साइबर थाना ने सोशल मीडिया पर उन्माद फैलाने के आरोप में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 10:43 PM

छपरा में लोकसभा चुनाव के बाद हिंसक झड़प व तनावपूर्ण स्थिति के बाद पुलिस सोशल मीडिया पर हिंसा व उन्माद फैलाने वालों पर कड़ी नजर है. इसी क्रम में साइबर थाना ने सोशल मीडिया पर उन्माद फैलाने के आरोप में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इस संदर्भ में हेडक्वार्टर डीएसपी डॉ राकेश कुमार यादव एवं साइबर डीएसपी अमन ने बताया कि गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों के द्वारा चुनावी झड़प व हत्या के बाद सोशल मीडिया पर हिंसा एवं उन्माद फैलाने का प्रयास किया जा रहा था. दोनों अभियुक्तों के द्वारा निरंतर जाति समुदायों के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां एवं हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा था, जबकि साइबर पुलिस सोशल मीडिया पेट्रोलिंग के माध्यम से निरंतर ऐसे असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर भी रख रही है. एसपी डॉ आशीष ने भी ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आदेश भी दिया है. इसी क्रम में पुलिस द्वारा दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. इनमें पटना जिले के मसौढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत बैरम चक निवासी रामाशीष प्रसाद के 34 वर्षीय पुत्र संतोष रेणु यादव एवं छपरा शहर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मेथवलिया गांव निवासी सवलिया राय के 24 वर्षीय पुत्र चंदन कुमार शामिल हैं. हेडक्वार्टर डीएसपी ने बताया कि इनके द्वारा सोशल मीडिया (फेसबुक व यूट्यूब) के माध्यम से लोगों को जाति- समुदाय विशेष के विरुद्ध हिंसा, शत्रुता एवं दंगा के लिए प्रेरित किया जा रहा था एवं सार्वजनिक शांति को भंग करने का प्रयास किया जा रहा था, जिससे दो जाति समुदाय विशेष के बीच गंभीर तनाव उत्पन्न हो गया, जो विधि- व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है. गिरफ्तार संतोष के खिलाफ औरंगाबाद जिले के नगर थाने में दो मामले पहले से दर्ज हैं, जबकि इसके अलावा उसके विरुद्ध कटिहार एवं कैमूर थाने में भी प्राथमिकी होने की सूचना है. सारण पुलिस ने सभी से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक, हिंसक, भ्रामक बातें एवं अफवाह नहीं फैलाएं. ऐसा करना एक दंडनीय अपराध है. वहीं, साइबर थाना सोशल मीडिया पेट्रोलिंग के माध्यम से निरंतर ऐसे असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखी जा रही है.

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