तरैया.
पचभिण्डा गांव के सरकारी पोखरा व छठघाट पर छठ महापर्व के अंतिम दिन शुक्रवार की अहले सुबह उगते सूर्य को अर्घदान के मौके पर नाव पलटने से दो युवकों की मौत हो गयी, जबकि आठ युवकों को बचा लिया गया. मृत युवक पचभिण्डा निवासी 20 वर्षीय बिटू कुमार सिंह व दसई मांझी के 19 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार पासवान हैं. ग्रामीणों ने बिटू के शव को पोखरे से ढूंढकर बाहर निकाला. उसके कुछ देर बाद सूरज को पोखरा से निकाला गया. उसे तरैया विधायक अपनी गाड़ी से लेकर रेफरल अस्पताल तरैया पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. बिटू का शव निजी एम्बुलेंस से पोस्टमार्टम को भेज दिया गया. पुलिस सूरज के मामले में कागजी प्रक्रिया पूरी कर रही थी, तबतक किसी बात को लेकर अस्पताल में पहुंचे लोग आक्रोशित हो गये. उनकी विधायक व पुलिस के साथ झड़प हो गयी. एम्बुलेंस नहीं मिलने पर वे सूरज के शव को टांगकर अस्पताल से निकल गये. शव लेकर जा रहे आक्रोशित लोगों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस से रास्ते में भी झड़प कर पीछे से आयी एम्बुलेंस पर पथराव कर ग्रामीणों ने शीशा को क्षतिग्रस्त कर दिया. पथराव में कई लोग घायल हो गये, जिनका इलाज रेफरल अस्पताल में हुआ. इसके बाद उन्होंने शव को लेकर तरैया-मढ़ौरा एसएच-73 पर पचभिण्डा पेट्रोल पंप के समीप मुख्य सड़क को जाम कर दिया. सड़क जाम की सूचना पाकर थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह पहुंचे और स्थानीय लोगों के प्रयास से जाम को हटवाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.सरकारी पोखरा व छठघाट होने के बावजूद कोई व्यवस्था नहीं
सरकारी पोखरा व छठघाट होने के बावजूद भी प्रशासन की तरफ से घाट पर कोई व्यवस्था नहीं किया गया. छठघाट पर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की तैनातगी नहीं किया जाना और उक्त पोखरा में लोहे की छोटी – सी नाव पर मोबाइल से सेल्फी के चक्कर में युवकों की जान गयी है. छठघाट पर दंडाधिकारी व पुलिस प्रशासन के पदाधिकारी रहते तो पोखरा में नाव परिचालन को रोक सकते थे.जबकि नाविक 30 रुपये लेकर युवकों को पोखरा में सैर कराता था. सेल्फी के चक्कर में युवकों की जान गयी है.
मां का इकलौता सहारा था बिटू
मृतक बिटू कुमार सिंह बरौनी में निजी कंपनी में कार्य करता था. छठ महापर्व खरना को घर आया था और आज छठ पूजा के पारण को बरौनी लौटने वाला था, लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर थी. उसके पिता की देहांत हो चुकी है. घर में सिर्फ वृद्ध मां उर्मिला कुंवर है. वहीं, सूरज तीन भाई व दो बहन था. सूरज के पिता दसई मांझी, माता मीरा देवी, बहन सोनम व सोनी तथा भाई श्रवण व सत्यम का रो-रोकर बुरा हाल है.सूरज की मां बिलाप कर रही थी कि छठी मइया हमरा बबुआ के ले लेली…
आक्रोशितों ने नाविक के परिजनों को पीटा
नाव दुर्घटना में दो युवकों की मौत के बाद आक्रोशितों ने नाविक के घर पहुंचकर परिजनों की जमकर पिटाई की. घटना के बाद नाविक घर छोड़कर फरार हो गया था. आक्रोशितों ने उसके परिजनों व आसपास के लोगों को पिटाई कर दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है