Saraswati Puja 2021 : कोलकाता से नहीं आये मूर्तिकार, कोरोना और परीक्षा ने भी फीका किया सरस्वती पूजा का उल्लास

मूर्तिकारों ने बताया कि शहर में जहां पहले 16 स्थानों पर बड़ी संख्या में और 100 से अधिक स्थानों पर सामान्य रूप से प्रतिमाओं का निर्माण होता था. यह घटकर 50 स्थानों पर भी प्रतिमाओं का निर्माण नहीं हो पा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2021 1:25 PM

भागलपुर. प्रकृति के बीच वसंत की आहट दिखने लगी है. सरसों के पीले-पीले फूल, पेड़-पौधे में नयी कोपल व आम-लीची व सहजन में मंजर व फूल निकलने को आतूर दिख रहे है. सरस्वती पूजा आने में पांच दिन भी बांकी नहीं रह गये है.

जिले के विभिन्न स्थानों पर गली-गली व घर-घर बसंत पंचमी की तैयारी शुरू हो गयी है. बावजूद मां सरस्वती की पूजा को लेकर शहर में कम उल्लास दिख रहा है. मूर्तिकारों को सरस्वती पूजा में जितनी राहत की उम्मीद थी, वो पूरी नहीं हो पा रही.

अब 50 से कम स्थानों पर तैयारी

मूर्तिकारों की मानें तो शहर में छात्र-छात्राओं की संख्या पिछले साल से भी कम है. सरकार के निर्देश के बाद भी कोचिंग सेंटर पूरी तरह से नहीं खुला है.

इंटरमीडिएट की परीक्षा सरस्वती पूजा से पहले व मैट्रिक की परीक्षा समीप पड़ने पर विद्यार्थियों के उल्लास को कम कर दिया है. हालांकि अन्य कक्षा के छात्र-छात्राओं के बीच मां सरस्वती पूजा को लेकर उमंग है.

मूर्तिकारों ने बताया कि शहर में जहां पहले 16 स्थानों पर बड़ी संख्या में और 100 से अधिक स्थानों पर सामान्य रूप से प्रतिमाओं का निर्माण होता था. यह घटकर 50 स्थानों पर भी प्रतिमाओं का निर्माण नहीं हो पा रहा है. उनकी ओर से बनायी गयी प्रतिमाओं की मांग घट गयी है.

मूर्तिकार विजय गुप्ता ने बताया कि पहले आदमपुर, दुर्गाचरण स्कूल व अन्य स्थानों पर कोलकाता के कलाकार प्रतिमा तैयार करके बेचते थे. पिछले वर्ष की तैयार प्रतिमा अब तक बची हुई है.

पश्चिम बंगाल के अन्य स्थानों से कलाकार आने वाले थे, लेकिन उन्होंने स्थानीय कलाकार को बताया कि आने-जाने व रहने का खर्च भी निकालना मुश्किल होगा. आने से कोई फायदा नहीं है. कोरोना की स्थिति सामान्य होगी तो देखेंगे. फिर भी इस बार कोरोना काल में मूर्ति निर्माण के कारोबार को जो क्षति हुई है, उससे उबरने का मौका जरूर मिलेगा.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version