Saraswati puja 2023: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर इन दिनों रामचरितमानस पर टिप्पणी करने के बाद विवादों में घिरे हैं. वहीं अब उनके सियासी इलाके मधेपुरा में सरस्वती पूजा से जुड़ा बड़ा विवाद छिड़ गया है. चंद्रशेखर मधेपुरा सदर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार जीते हैं और सूबे के शिक्षा मंत्री बनाए गये हैं. लेकिन अब इनके ही इलाके के कॉलेज में शिक्षा की देवी मां सरस्वती के मूर्ति पूजन की अनुमति नहीं है.
सिंहेश्वर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बीपी मंडल अभियंत्रण महाविद्यालय मधेपुरा में सरस्वती पूजा मनाने को लेकर छात्रों और महाविद्यालय प्रशासन के बीच बीते दिनों विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि आक्रोशित छात्रों को समझाने गई पुलिस को भी काफी देर तक मेन गेट बंद कर अंदर रोके रखा. आक्रोशित छात्रों ने बताया कि हम लोगों ने प्राचार्य अरविंद कुमार अमर को आवेदन देते हुए कैम्पस में सरस्वती पूजा करने की मांग की थी. लेकिन प्राचार्य द्वारा सरस्वती पूजा में प्रतिमा स्थापित करने से मना कर दिया. प्राचार्य और फैकल्टी एसडी सिंह के द्वारा कुछ छात्रों के साथ मारपीट की गई.
छात्रों ने यह भी बताया की इस दौरान कई छात्रों को कमरे में बंद कर दिया था. और सभी को रेस्टीकेट करने की धमकी दी जा रही है. किसी भी बात पर सीधे कॉलेज से निकालने की धमकी दी जाती है. इस तरह कई छात्रों को रेस्टीकेट भी किया जा चुका है. इस बीच कॉलेज के अंदर से एसआई ने प्रभारी थानाध्यक्ष बब्लू कुमार को अंदर रोक देने की जानकारी दी गई.
प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि वरीय पदाधिकारी को सूचना देते हुए कॉलेज पहुंच सभी को समझाने का प्रयास किया. लेकिन छात्र पहले किसी भी बात को मानने से इंकार करते हुए हंगामा करते रहे. हालांकि बांड में जिस छात्र के साथ मारपीट की बात कही वह छात्र मारपीट से इनकार कर गया. फिलहाल मामले को शांत कर दिया गया है.
वहीं दूसरी तरफ प्राचार्य अरविंद कुमार अमर ने बताया कि छात्रों के द्वारा कई बार कॉलेज में सरस्वती पूजा करने के लिए कहा गया. लेकिन सभी को मूर्ति रखने से मना करते हुए अलग- अलग तीनों हॉस्टल में ही बड़ा फोटो लेकर पूजा करने के लिए कहा गया. सभी छात्रों ने पहले इस बात को मान लिया. लेकिन दो दिन से इस बात को मानने से छात्रों ने इंकार कर दिया. और इस बात को लेकर हंगामा करने लगे.
तत्काल एक पत्र जारी करते हुए कॉलेज में सार्वजनिक रूप से सरस्वती पूजा करने से मना कर दिया गया है. जिसे सरस्वती पूजा मनाना है वह अपने- अपने कमरे में ही पूजा करने की बात कही गई है. यह भी बताया कि कॉलेज में सार्वजनिक रूप से पूजा करने से आसपास के लोगों से विवाद होने की संभावना बन सकती है. जिसको देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
(मधेपुरा से कुमार आशीष की रिपोर्ट)
Posted By: Thakur Shaktilochan