पटना. कोरोना के कारण राज्यभर में सैरातों के बंदोबस्तधारियों को जो नुकसान हुआ है, सरकार उसका आकलन कराने जा रही है. इसके लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है. कमेटी की सिफारिश पर बंदोबस्ती की राशि को माफ अथवा न्यूनतम कर दी जायेगी.
यदि किसी बंदोबस्तधारी ने राशि जमा भी कर दी है तो सरकार उसको वापस भी करेगी. हालांकि, इस निर्णय से सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. जल कर, हाट मेला आदि का ठेका लेने वालों (सैरात बंदोबस्तधारियों ) ने सीधे अथवा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोविड की अवधि के दौरान सैरात बंदोबस्ती की राशि माफी का अनुरोध सरकार से किया था.
विभाग ने इस पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए नियमानुसार माफी कम करने का आदेश प्रशासन को दिया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त और समाहर्ता को सैरात बंदोबस्ती की माफी की गाइडलाइन जारी की है.
इसके अनुसार यदि कोई बंदोबस्ती की पूर्ण माफी अथवा आंशिक माफी चाहता है तो उसे जिला स्तरीय कमेटी के यहां आवेदन करना होगा. कमेटी में अध्यक्ष अपर समहर्ता हैं. संबंधित भूमि सुधार उपसमाहर्ता और सीओ सदस्य हैं. कमेटी नुकसान का आकलन कर समाहर्ता को रिपोर्ट देगी.
समाहर्ता अपनी टिप्पणी के साथ प्रमंडलीय आयुक्त को रिपोर्ट भेजेंगे. प्रमंडलीय आयुक्त को सैरातों की बंदोबस्ती की राशि माफी या कम करने का अधिकार है.
कमेटी में अध्यक्ष अपर समहर्ता हैं. संबंधित भूमि सुधार उपसमाहर्ता और सीओ सदस्य हैं. कमेटी नुकसान का आकलन कर समाहर्ता को रिपोर्ट देगी. समाहर्ता अपनी टिप्पणी के साथ प्रमंडलीय आयुक्त को रिपोर्ट भेजेंगे. प्रमंडलीय आयुक्त को सैरातों की बंदोबस्ती की राशि माफी या कम करने का अधिकार है.
वर्ष 2020-21 के राज्य सरकार ने सैरातों से वसूली के लिए पांच सौ करोड़ का लक्ष्य तय किया गया था. कोरोना के कारण 210.92 करोड़ की ही वसूली हो सकी. लॉकडाउन में यातायात सभी साधन बंद थे. इस कारण बंदोबस्तधारियों के नुकसान हुआ. सैरातों की बंदोबस्ती लेने वाले सरकार से मदद की लगातार मांग कर रहे थे.
सैरातों की बंदोबस्ती एक साल के लिए की जाती है. सीओ को बीस हजार, डीसीएलआर को 50 हजार, एसडीओ को एक लाख, एडीएम को दो लाख, डीएम को पांच लाख और प्रमंडलीय आयुक्त को दस लाख रुपये तक का सैरात बंदोबस्त करने का अधिकार है. इससे अधिक के सैरात की बंदोबोस्ती भूमि सुधार विभाग से की जाती है.
Posted by Ashish Jha