बिहार में तीन वर्षीय अनिवार्य सेवा अनुबंध पर नियुक्त होंगे 1995 डॉक्टर, जानिये कितना मिलेगा मानदेय
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानव बल बढ़ाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से कार्रवाई की है. विभाग द्वारा राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से पीजी व डिप्लोमा पास डॉक्टरों से बंधपत्र के अधीन तीन वर्षीय अनिवार्य सेवा के कुल 1995 फ्लोटिंग पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है.
पटना. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानव बल बढ़ाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से कार्रवाई की है. विभाग द्वारा राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से पीजी व डिप्लोमा पास डॉक्टरों से बंधपत्र के अधीन तीन वर्षीय अनिवार्य सेवा के कुल 1995 फ्लोटिंग पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है. इन डॉक्टरों को जल्द ही नियोजित किया जायेगा.
सरकार ऐसे डॉक्टरों को प्रतिमाह 82 हजार मानदेय देगी.स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसके अलावा उन पदों पर नियोजित होने वाले सीनियर रेजिडेंट ट्यूटर व विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संविदा के आधार अन्य नियोजित विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों के बराबर मानदेय दिया जायेगा.
पीजी व डिप्लोमा के प्रथम वर्ष से लेकर तृतीय वर्ष तक के चिकित्सकों के वर्तमान में अधिकतम 515 पदों पर नियोजन के लिए हर वर्ष कुल 50 करोड़ 67 लाख 60 हजार खर्च की संभावना है.
आने वाले वर्ष से इसके अतिरिक्त प्रति वर्ष और 150 छात्र पीजी व डिप्लोमा डिग्री में उत्तीर्ण होंगे. ऐसे में 1995 फ्लोटिंग पदों के सृजन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्णय लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में मैनपावर के साथ आवश्यक दवाओं के अलावा आॅक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलों में ‘बी’ टाइप आॅक्सीजन सिलिंडर 1300 एवं 242 छोटा सिलिंडर भेजा गया है. पटना में ‘बी’ टाइप 500 और छोटा सिलिंडर 92, भागलपुर में 200 ‘बी’ टाइप और छोटा सिलिंडर 50, गया में ‘बी’ टाइप 300 और छोटा सिलिंडर 50, मुजफ्फरपुर में ‘बी’ टाइप 300 और 50 छोटा सिलिंडर भेजा गया है.
Posted by Ashish Jha