पटना. पटना हाइकोर्ट ने 94 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन को हरी झंडी दे दी है. न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय के एकलपीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार को आदेश दिया कि जल्द-से-जल्द शिक्षक नियोजन प्रक्रिया पूरी कर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांट दिये जाएं.
आदेश में लिखा है कि दिसंबर, 2019 में सीटीइटी उत्तीर्ण करने वालों को इस नियोजन में अवसर नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि इस नियोजन की कट ऑफ डेट 23 नवंबर, 2019 थी. न्यायमूर्ति डॉ उपाध्याय ने सभी छह याचिकाएं खारिज कर इसकी बाधाएं दूर कर दी हैं.
शिक्षा विभाग अब जल्दी ही मेरिट सूची जारी करेगा. इसके बाद नियोजन पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. अभ्यर्थियों की तरफ से इस मामले में हाइकोर्ट में एडवोकेट प्रिंस कुमार उपस्थित हुए.
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि कोर्ट के फैसले की कॉपी अभी नहीं मिली है. कॉपी मिलने के बाद उचित कार्यवाही की जायेगी.
छठे चरण में शिक्षकों के 94 हजार से अधिक पदों पर नियोजन की प्रक्रिया करीब डेढ़ साल से लटकी हुई थी. पांच बार से अधिक इसके शेड्यूल जारी किये गये. दरअसल, इस मामले में पटना हाइकोर्ट में कुछ खास याचिकाएं दाखिल की गयीं.
इनकी सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने अपने फैसलों में कई तरह की विसंगतियां दूर कर नियोजन की बाधाएं दूर कीं. हाल के महीनों में इस नियोजन प्रक्रिया की जुड़ी हाइकोर्ट के अहम फैसले इस प्रकार हैं :-
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1. सबसे पहले एनआइओएस के 18 माह के डीएलएड को हाइकोर्ट ने मान्य किया. राज्य सरकार ने एनसीटीइ के एक आदेश के आधार पर इन्हें अमान्य कर दिया था.
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2. डीएलएड को प्राथमिकता देने वाले राज्य सरकार के आदेश को भी हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया. कहा कि डीएलएड और बीएड वालों की संयुक्त सूची बनेगी. सरकार की प्राथमिकता वाला आदेश नियोजन के कट ऑफ डेट जारी होने के बाद जारी किया गया.
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3. अब दिसंबर, 2019 में सीटेट उत्तीर्ण करने वालों को वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में मौका देने की मांग को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया.
Posted by Ashish Jha