बिहार में 18 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए करीब साढ़े सात हजार विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है. विशेष शिक्षकों की नियुक्तियां कक्षा छह से आठ और नौ और दसवीं कक्षाओं के लिए होगी. इसके लिए शिक्षा विभाग बहुत जल्दी टीइटी और एसटीइटी कराने जा रहा है. दरअसल नियमावली में अभ्यर्थियों के लिए पात्रता परीक्षा की उत्तीर्णता अनिवार्य रखी गयी है.
विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए किया जा रहा विचार
प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा अथवा उसके अन्य विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है. प्रदेश में दो लाख से अधिक बच्चे किसी न किसी रूप में दिव्यांग हैं. दिव्यांगता का यह आंकड़ा हाल ही में सरकार की तरफ से कराये गये सर्वेक्षण में सामने आया है.
1990 से पहले कुछ विशेष स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी
जानकारी के मुताबिक बिहार में 1990 से पहले कुछ विशेष स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. इस बार विशेष रूप से ट्रेंड शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. चूंंकि अभी तक इन विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं की गयी है. इसलिए टीइटी और एसटीइटी कराने की जरूरत महसूस की जा रही है. शिक्षा विभाग इस दिशा में जल्दी ही प्रभावी कदम उठाने जा रहा है.
इन विषयों में हो सकती है STET परीक्षा
प्रदेश में जिन विषयों की एसटीइटी परीक्षा 2019 में नहीं करायी गयी है, उन विषयों की पात्रता परीक्षा करायी जायेगी. मालूम हो कि अंग्रेजी को छोड़ कर किसी भी भाषा और कला विषय की एसटीइटी परीक्षा नहीं हुई थी. उम्मीद की जा रही है कि इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र, भूगोल, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान, दर्शन शास्त्र और भाषा विषयों आदि में एसटीइटी करायी जायेगी.