पटना. स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड मरीजों के इलाज में सहूलियत बढ़ाने के लिए एक हजार एमबीबीएस चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ की है. अभी तक राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और सिविल सर्जन के माध्यम से जिलों में 500 एमबीबीएस चिकित्सकों की नियुक्ति हो चुकी है.
शेष रिक्त 500 पदों के लिए शुक्रवार को दूसरी बार वाक-इन-इंटरव्यू का आयोजन किया गया. विभिन्न जिलों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में वाक-इन-इंटरव्यू में करीब 900 चिकित्सक पहुंचे. इनमें से योग्य चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद अगले सप्ताह फिर नियुक्ति के लिए वाक-इन-इंटरव्यू का आयोजन किया जायेगा.
पटना विश्वविद्यालय के डिस्पेंसरी में कोरोना से पीड़ित छात्र, शिक्षक, कर्मचारियों के इमरजेंसी व प्राथमिक उपचार के लिए सारी सुविधाओं के साथ चार बेड लगाये जायेंगे. विवि के रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्र ने डिस्पेंसरी के चीफ मेडिकल ऑफिसर को पत्र लिखकर कहा कि चार बेड के साथ ही जीवन रक्षक उपकरण व ऑक्सीजन की व्यवस्था 24 घंटे उपलब्ध करायें. इसके लिए विवि के द्वारा जो आर्थिक जरूरत होगी, उसे आग्रह पर विवि के द्वारा एडवांस के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा.
करोना महामारी की इस दूसरी लहर में 2021 से अब तक कई शिक्षकों की मौत के बाद पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने ने बिहार सरकार और पटना विश्वविद्यालय कुलपति को त्राहिमाम निवेदन किया है.
संघ के महासचिव प्रो अभय कुमार ने कहा कि पटना विवि के कई शिक्षकों व कर्मियों का निधन उचित उपचार के बिना और ऑक्सीजन की कमी के कारण हो गया. दर्जनों शिक्षक और कर्मचारी कोरोना से पीड़ित हैं. पटना विश्वविद्यालय डिस्पेंसरी और गेस्ट हाउस को कोरेंटिन सेंटर के रूप में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा के साथ उपलब्ध कराया जाये.
पटना विवि के सीनेट सदस्य और भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक डॉ कुमार संजीव ने राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से अनुरोध किया है कि सेंट्रल डिस्पेंसरी व गेस्ट हाउस को इमरजेंसी के तौर पर वेंटिलेटर युक्त मिनी कोविड सेंटर में बदल दिया जाए.
Posted by Ashish Jha