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Sarkari Naukri : बिहार में लटका 90 हजार प्राथमिक शिक्षक का नियोजन, 50 हजार अभ्यर्थियों से जुड़ी मेधा सूची अब तक नहीं हुई जारी

डेढ़ साल से लंबित 90 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की कानूनी पेचीदगी सुलझने के बाद अब मेधा सूची का प्रकाशन चिंता का विषय बन गया है.

पटना. डेढ़ साल से लंबित 90 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की कानूनी पेचीदगी सुलझने के बाद अब मेधा सूची का प्रकाशन चिंता का विषय बन गया है.

दरअसल, 1500 से अधिक नियोजन इकाइयों में अब तक मेधा सूची सार्वजनिक नहीं की जा सकी है. इनमें सैकड़ों नियोजन इकाइयों में तो औपबंधिक सूची ही जारी नहीं हो सकी है. अगर अंतिम मेधा सूची में विलंब होता है तो नियोजन पत्र वितरण लटक सकता है.

काउंसेलिंग का शेड्यूल भी लंबा खिच सकता है. एक अनुमान के मुताबिक लंबित मेधा सूची की प्रतीक्षा 50 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को है, जो अंतिम मेधा सूची में अपना नाम पढ़ना चाहते हैं.

जानकारों के मुताबिक सही मायने में साढ़े तीन लाख से अधिक अभ्यर्थियों की निगाह अंतिम मेधा सूची के सार्वजनिक होने पर टिकी हुई है है. दरअसल, इस सूची के सार्वजनिक होने पर ही अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र जारी होंगे.

फिलहाल प्राथमिक नियोजन में अंतिम मेधा सूची ही इकलौता बैरियर बचा है. हालांकि ,यह बैरियर नियोजन इकाइयों के गलत इरादों से सामने आया है.

अंतिम मेधा सूची बनाने में बरती जा रही लापरवाही का आलम पटना और जिले की नियोजन इकाइयों से समझा जा सकता है. पटना जिले में कुल 285 नियोजन इकाइयों में भी अंतिम मेधा सूची केवल 18 ने प्रकाशित की है.

यही नहीं, केवल 111 नियोजन इकायों में औपबंधिक सूची जारी हो सकी है. इससे स्पष्ट है कि मुखिया और सचिवों ने मेधा सूची बनाने से जुड़ी कवायद में कोई खास रुचि नहीं ली है.

यहां अब तक मेधा सूची सार्वजनिक नहीं

सुपौल, भोजपुर, रोहतास, बक्सर ,गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, मधेपुरा, खगड़िया, अरवल, औरंगाबाद, जहानाबाद, गया, सहरसा, भागलपुर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नालंदा, समस्तीपुर, अररिया, छपरा और वैशाली जिलों में ऐसी नियोजन इकाइयों की संख्या काफी है, जो अब तक मेधा सूची सार्वजनिक नहीं कर सकी है.

उदाहरण के लिए राघोपुर प्रखंड की परमानंदपुर पंचायत, निर्मली प्रखंड की मंझारी पंचायत, जमुई जिले के सोनो प्रखंड, अररिया जिले में पलासी, कुर्सा कांटा, भरगामा की नियोजन इकाइयां, वैशाली जिले में लालगंज प्रखंड, पश्चिमी चंपारण जिले के लौरिया, रामनगर, नरकटियागंज प्रखंड, मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड की पंचायतों में मेधा सूची भी जारी नहीं की जा सकी है.

वैशाली जिले के बिदुपुर और समस्तीपुर जिले के कुछ प्रखंडों की पंचायतों की औपबंधिक मेधा सूची अपलोड तो हो गयी है, लेकिन वह खुल नहीं रही.

सूची बनाने के लिए पांच दिनों का मिलेगा समय

सर्वाधिक लंबित मेधा सूची कक्षा एक से पांच तक की हैं. तुलनात्मक रूप में कक्षा छह से आठ तक की मेधा सूची जारी करने वाली नियोजन इकाइयों की संख्या कुल मिलाकर संतोषजनक है.

मेधा सूची सार्वजनिक करने की शोचनीय दशा तब है, जब शिक्षा विभाग इसके लिए कई बार अंतिम तिथि बढ़ा चुका है. फिलहाल शिक्षा विभाग नियोजन इकाइयों की इस लापरवाही को लेकर काफी गंभीर है.

शिक्षा विभाग ने मेधा सूची सार्वजनिक करने में लापरवाही बरत रही नियोजन इकाइयों की पहचान भी की है. हालांकि, अभ्यर्थियों के हक में ऐसे लापरवाह नियोजन इकाइयों को मेधा सूची जारी करने के लिए शिक्षा विभाग पांच दिनों का समय देने जा रहा है.

Posted by Ashish Jha

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