Sarkari Naukri in Bihar: बिहार में नौकरी चाहिए तो आपके लिए ही है यह खबर, BSSC करेगा इन वर्गों के 50 हजार पदों पर भर्ती

Sarkari Naukri in Bihar,BSSC: कोरोना संकट के कारण नौकरियों के लिहाज से साल 2020 काफी खराब रहा है. मगर नये वर्ष 2021 से नयी उम्मीदें हैं. इसी क्रम में नौकरी का इंतजार कर रहे बिहार के युवाओं (Jobs in Bihar) के लिए अच्छी खबर है. नीतीश सरकार (Nitish Kumar Govt) बंपर बहाली ला रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2021 6:49 PM
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Sarkari Naukri in Bihar: कोरोना संकट के कारण नौकरियों के लिहाज से साल 2020 काफी खराब रहा है. मगर नये वर्ष 2021 से नयी उम्मीदें हैं. इसी क्रम में नौकरी का इंतजार कर रहे बिहार के युवाओं (Jobs in Bihar) के लिए अच्छी खबर है. नीतीश सरकार (Nitish Kumar Govt) बंपर बहाली ला रही है. राज्य के सरकारी संस्थानों में बड़े पैमाने पर तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मियों की बहाली की तैयारी शुरू हो गयी है.

इस संबंध में बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) ने सभी जिलों को पत्र लिख कर सभी विभागों से संबंधित रिक्तियां मांगी गई हैं. बताया जा रहा है कि कई विभागों से ग्रुप डी से संबंधित रिक्तियों का प्रस्ताव आ गया है. माना जा रहा है कि करीब 50 हजार चतुर्थवर्गीय कर्मियों की नियुक्ति होगी. हालांकि यह संख्या बढ़ भी सकती है. इनमें कई तरह के पद होंगे.

बहाली का समय अभी तय नहीं किया गया है. इसकी योग्यता 10वीं पास होगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्रुप डी के अलावा ग्रुप सी के पांच हजार से ज्यादा पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इस पद के लिए परीक्षा बीपीएससी ले सकती है या फिर बीएसएससी के माध्यम से हो सकती है.

बता दें कि बिहार में अलग अलग विभागों में नियुक्ति की प्रकिया भी चल रही है. 90 हजार से ज्यादा शिक्षकों का नियोजन होना है वहीं बीएसएससी इंटर स्तरीय मुख्य परीक्षा का रिजल्ट भी आने वाला है. इसमें कई तरह की वैकेंसी है. साथ ही बिहार लोक सेवा आयोग की 64वीं, 65वीं और 66वीं के हजार से ज्यादा पदों के लिए प्रक्रिया जारी है.

किसी की प्रारंभिक परीक्षा हुई है तो किसी में मेरिट लिस्ट का इंतजार है. हाल ही में नीतीश सरकार ने 3800 से ज्यादा राजस्व कर्मियों की बहाली भी मंजूर की है. राजस्व एवं खनन मंत्री ने ऐलान किया है कि राजस्व विभाग में कर्मियों की बहाली प्रकिया मार्च में शुरू हो जाएगी.

Posted by: Utpal kant

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