कोलकाता पुलिस भर्ती परीक्षा में बिहार- झारखंड के नौ फर्जी अभ्यर्थी धराये, दो युवती भी गिरफ्तार

Kolkata Police Recruitment Exam: कोलकाता की पुलिस भर्ती परीक्षा में नौ फर्जी अभ्यर्थी को दबोचा गया है. इसमें दो युवती भी शामिल है. न्यू मार्केट थाना क्षेत्र स्थित एक सेंटर से इनकी गिरफ्तारी हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 5, 2023 9:00 AM

Kolkata Police Recruitment Exam: कोलकाता की पुलिस भर्ती परीक्षा में नौ फर्जी अभ्यर्थी को पकड़ा गया है. कोलकाता पुलिस के विभिन्न विभागों में कांस्टेबल पद के लिए रविवार को लिखित परीक्षा ली गयी. इस दौरान अलग-अलग सेंटरों से कुल नौ फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गये. इनमें दो युवतियां भी शामिल हैं, जिन्हें न्यू मार्केट थाना क्षेत्र स्थित एक सेंटर से गिरफ्तार किया गया. छह आरोपी बालीगंज स्थित लॉ कॉलेज एवं भवानीपुर स्थित कॉलेज से एक पकड़ा गया. सभी आरोपी बिहार एवं झारखंड के रहने वाले हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, न्यू मार्केट थाना अंतर्गत रफी अहमद किदवई रोड स्थित एक कॉलेज में बबीता टुडू नामक परीक्षार्थी के बदले रूबी कुमारी परीक्षा देने पहुंची थी. इसी सेंटर में मोनिका मुर्मू नामक परीक्षार्थी के नाम पर पूनम कुमारी नामक युवती परीक्षा देने आयी थी. दोनों को न्यू मार्केट थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बायोमेट्रिक मिलान नहीं होने पर दोनों धरी गयीं. ये युवतियां झारखंड के कोडरमा जिले के जयनगर थाना क्षेत्र की रहनेवाली हैं. सोमवार को इन्हें बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने दोनों को 11 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.


गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी

वहीं, दक्षिण कोलकाता के बालीगंज थाना क्षेत्र स्थित एक परीक्षा सेंटर से छह फर्जी परीक्षार्थी दबोचे गये. इनके नाम देवेश कुमार, जीतेश कुमार सिंह, विराट कुमार, आशुतोष कुमार, पिंटू कुमार और विनोद कुमार बताये गये हैं. चेहरा एवं फिंगर प्रिंट मैच नहीं होने पर ये पकड़े गये. ये लोग दिलीप मंडल, प्रणव प्रसाद, बेचन चौधरी, मोहम्मद सौकत आलम, राजेश रजक और इंद्रजीत घोष नामक परीक्षार्थियों के बदले एग्जाम देने आये थे. कोर्ट ने सभी आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया है. इधर, भवानीपुर इलाके से भी एक फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया. उसका नाम सुब्रत दस्तीदार है. वह अभिजीत टिग्गी नामक परीक्षार्थी के बदले परीक्षा देने सेंटर पहुंचा था. पुलिस का कहना है कि इस मामले में एक रैकेट काम कर रहा है. रैकेट तक पहुंचने के लिए गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. साथ ही जिन परीक्षार्थियों के बदले ये परीक्षा देने आये थे, उन्हें भी पकड़ने की कोशिश की जा रही है.

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फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्राप्त किया शिक्षण भत्ता

इधर, मुजफ्फरपुर के प्रधान डाकघर के एक कर्मी ने विभाग को गलत जानकारी देकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर सालों तक शिक्षण भत्ता प्राप्त किया है. जब कागजात की जांच की गयी तो मामला उजागर हुआ. इसके बाद डिप्टी उपाधीक्षक संतोष कुमार को जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है. बिहार सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने पोस्ट मास्टर जनरल उत्तरी क्षेत्र को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया था. इसकी प्रति उन्होंने प्रधानमंत्री, संचार मंत्री, डाक निदेशालय के वरीय अधिकारियों सहित बिहार चीफ पोस्टमास्टर जनरल को भी भेजी है. अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा सरकारी कर्मियों को प्रथम दो जीवित संतान को 12वीं कक्षा तक शिक्षण भत्ता दिए जाने का प्रावधान है. दूसरे बच्चे के जुड़वा होने की स्थिति में इन तीनों बच्चों को देने का प्रावधान है, परंतु प्रधान डाकघर में कार्यरत एक कर्मी राघवेंद्र कुमार ने विभाग को झूठी एवं गलत सूचना उपलब्ध कराकर अपने तीन संतान में से प्रथम एवं द्वितीय संतान की जगह पर द्वितीय एवं तृतीय संतान का शिक्षण भत्ता वर्षों से प्राप्त किया जा रहा है.

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बिहटा पुलिस ने हत्या मामले में की गिरफ्तारी

वहीं, पटना की बिहटा पुलिस ने बीते दिनों पूर्व सिमरी गांव निवासी चंदन कुमार उर्फ विक्की की हत्या के मामले में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए पुलिस ने मुख्य शूटर को फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र के बोचाचक गांव से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. गिरफ्तार आरोपित की पहचान बोचाचक गांव निवासी लक्ष्मण सिंह के 25 वर्षीय पुत्र शुभम उर्फ रेयांस के रूप में हुई है. दरअसल, बीते 20 सितंबर को दिनदहाड़े बिहटा थाना क्षेत्र के सिमरी गांव निवासी गणेशी प्रसाद सिंह का 27 वर्षीय पुत्र चंदन कुमार उर्फ विक्की को जमीन विवाद को लेकर घर से बुला कर हथियारबंद अपराधियों ने चंदन को उसके खेत में गोली मारकर दी थी. जब तक ग्रामीण गोलियों की आवाज सुन कर खेत की ओर भागते, तब तक अपराधी स्कॉर्पियो पर सवार होकर फरार हो गये. घायल चंदन को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पीड़ित परिवार ने हत्या मामले में आधा दर्जन लोगों पर नामजद मामला दर्ज करायी थी.

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