पटना. आज देश में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है. पक्ष विपक्ष दोनों इस मुद्दे पर आक्रामक तेवर अख्तियार कर रखे हैं. हर सरकार रोजगार देने का दावा कर रही है. वहीं, जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर के एक सवाल पर संसद में सरकार ने रोजगार को लेकर एक ऐसा आंकड़ा पेश किया कि सब चौंक गये. केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि एक विभाग में पिछले 10 वर्षों में महज एक बार वैकेंसी निकली है, जबकि उस विभाग में पिछले एक दशक में 48 पदों को समाप्त कर दिया गया है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार की ओर से आये इस आंकड़े को देखकर पक्ष विपक्ष दोनों तरफ के सांसद चौंक गये.
जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने दरअसल संसद में सरकार से यह जानने की इच्छा प्रकट की थी कि उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में नियुक्ति को लेकर क्या स्थिति और इसमें वर्षवार कितनी नौकरियां दी जा रही है. इस सवाल के जवाब में सरकार के मंत्री ने बताया है कि पिछले एक दशक में केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में स्थायी नियुक्तियों के लिए महज एक परीक्षा आयोजित की गयी और वह भी चार कैंटीन परिचारकों के पद के लिए. हालांकि इस दौरान मंत्रालय ने 48 पद समाप्त किये हैं.
केंद्रीय ग्रामीण विकास, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लिखित जवाब में कहा कि ऐसी कोई परीक्षा नहीं है, जिसका परिणाम घोषित नहीं किया गया है. पिछले पांच वर्षों के दौरान मंत्रालय द्वारा आयोजित कोई भी परीक्षा निरस्त नहीं की गई है. पिछले एक दशक के दौरान मंत्रालय द्वारा समाप्त किये गये पदों का ब्योरा मांगे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस दौरान कुल 48 पदों को समाप्त किया गया. वर्ष 2012 में कनिष्ठ सचिवालय सहायक के दो पद, वर्ष 2015 में कैंटीन परिचारक के चार पद, वर्ष 2017 में वरिष्ठ सचिवालय सहायक के 34 और वर्ष 2021 में वरिष्ठ सचिवालय सहायक के ही आठ पद समाप्त किये गये हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में किसी पद को समाप्त किये जाने की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है.