बिहार में शारीरिक शिक्षक नियुक्ति के लिए मैट्रिक पास भी होंगे पात्र, शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

बिहार शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों की नियुक्ति के लिए घोषित शेड्यूल के तहत अधिकतर नियोजन इकाइयों और जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने 2012 की नियमावली अमान्य कर दी थी. इससे अभ्यर्थी परेशान थे. इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2022 7:06 AM

पटना. शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक (शारीरिक शिक्षक) की नियुक्ति के लिए अब मैट्रिक पास आवेदक भी मान्य होंगे. नियुक्ति की चल रही प्रक्रिया में बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियमावली-2012 और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक पात्रता परीक्षा-2019 की नियमावली में निर्धारित अहर्ताएं भी मान्य होंगी. इस तरह कम-से-कम मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण और भारत के किसी भी राज्य के पात्रताधारी व्यक्ति इस पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया में पात्र माने जायेंगे. इस आशय का आदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को जारी किया.

शारीरिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया 

जानकारी के मुताबिक शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए दिसंबर, 2021 की जारी अधिसूचना में बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली- 2020 का उल्लेख था, जबकि नियमावली-2012 में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के पद पर नियुक्ति में आवश्यक अहर्ता में शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण और किसी भी मान्यताप्राप्त बोर्ड अथवा विश्वविद्यालय से सर्टिफिकेट डप्लोमा/डिग्री की योग्यता निर्धारित थी. इसके अलावा शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में पूरे भारत के पात्र व्यक्ति भाग ले सकते थे. इसी अहर्ता के आधार पर पात्रता परीक्षा-2019 भी आयोजित की गयी थी.

जानें खास बातें

मालूम हो कि इन दोनों नियमावलियों के स्थान पर बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा एवं बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली-2020 में न्यूनतम शैक्षणिक अहर्ता मान्यताप्राप्त बोर्ड से कम-से-कम 50% अंकों के साथ उच्च माध्यमिक और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त किसी भी संस्थान से शारीरिक शिक्षा में कम-से-कम दो वर्ष का प्रमाणपत्र/डिप्लेामा अनिवार्य माना गया था.

उल्लेखनीय है कि शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों की नियुक्ति के लिए घोषित शेड्यूल के तहत अधिकतर नियोजन इकाइयों और जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने 2012 की नियमावली अमान्य कर दी थी. इससे अभ्यर्थी परेशान थे. इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किया है.

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